कांके-नगड़ी में भूमि अधिग्रहण के विरोध में स्थानीय आदिवासियों का संघर्ष
कांके-नगड़ी में सरकार जमीन अधिग्रहण कानून 1894 के तहत 1957-58 में राजेंन्द्र कृर्षि विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए 227 एकड़ जमीन अधिग्रहण का विरोध राईयतों द्वारा 1957-58 से लेकर आज तक जारी हैं। वर्तमान सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन के साथ ही राईयतों ने विरोध करना शुरू किया। ग्रामीणों के विरोध के कारण ही सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर पायी।
- चिन्हित किया गया जमीन कांके नगड़ी के किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि है और यह जीविका का एक मात्र साधन है। इस पर किसी भी तरह का इमारत -बिल्डिंग नहीं बनाना चाहिए
- आई आई एम एवं लॉ कॉलेज एक विशिष्ट शिक्षण संस्थान है, इसलिए यह ऐसी जगह पर बनायी जाए जो गांव से 30-35 किलो मीटर दूरी पर हो, ताकि शिक्षण कार्यक्रम में किसी तरह का बाधा नहीं पहुंचे।
- आई आई एम एवं लॉ कॉलेज शिक्षण संस्थान शहर -गांव की भीड़ भाड़ से दूर शांत जगह में बनाया जाए।
- ऐसी जगह से संस्थान खड़ा किया जाए जो सरकारी जमीन हो, बंजर भूमि और कृषि योग्य नहीं हो, सरकार ऐसी जगह चिन्हित करें।
- ग्राम सभा को दिये गये अधिकारों का सम्मान किया जाए तथा जिस जमीन को जबरन पुलिस बल द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है-उसे यथाशीघ्र रोका जाए।
- छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 के मूलधारा 46 में आदिवासियों को जो अधिकार दिये गये हैं-उसका सम्मान किया जाए।
- हम आदिवासी-मूलवासी किसी भी कीमत में हमारी खेती की जमीन को आई आई एम एवं लॉ कॉलेज के लिए नहीं देगें।
- आदिवासी-मूलवासियों का विस्थापन रोका जाए।