भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करें मध्य प्रदेश सरकार
– एड. आराधना भार्गव
कांग्रेस सरकार द्वारा उक्त अधिनियम बनाया गया जो 1 जनवरी 2014 से लागू हुआ किन्तु दुःखद है कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, उन्होने ने भी इस अधिनियम को अपने प्रदेश में लागू नही किया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के क्षेत्र में भी नए भू-अर्जन अधिनियम का लाभ किसानों को नही मिल रहा है नए भू-अर्जन अधिनियम में शहरी क्षेत्र मे बाजार मूल्य से दो गुना मुआवजा तथा ग्रामीण क्षेत्र में बाजार मूल्य से 4 गुना मुआवजा देने का प्रावधान है। कमलनाथ जी जब छिन्दवाड़ा के सांसद थे, माॅचागोरा बाँध से प्रभावित किसानों को हर बार चुनाव के दौरान बाजार से चार गुना मुआवजा देने का लाॅलीपाॅप पकड़ाकर किसानों के वोट तो हासिल करते गये, किन्तु आज दिनांक तक नए भू-अर्जन अधिनियम का लाभ किसानों को नही मिला।
वर्तमान में छिन्दवाड़ा जिले में गौरखपुर-आंजनी जलाशय में किसानों को सिंचित भूमि की जगह असिंचित भूमि का मुआवजा दिया जा राह हैै। ग्राम हिवरा वासुदेव निवासी किसान सुरेश पवार जिसके जीविका उपार्जन का साधन मात्र ये सिंचित खेती थी जिस पर वह अपने तथा परिवार का उदय पोषण करता था। जलाशय में सम्पूर्ण सिंचित भूमि चली गई और सरकार उसे असिंचित भूमि का मुआवजा दे रही है सुरेश ने इस संबंध में जनसुनवाई के दौरान सौंसर एस.डी.एम. को जानकारी दी लेकिन आज दिनांक तक उसकी कोई सुनवाई नही की गई।
गौरखपुर-आंजनी जलाशय के किसान लगभग दो वर्षो से किसान संघर्ष समिति के सम्पर्क में है। चुनाव के दौरान हर बार उन्हें बाजार से चार गुना मुआवजा देने का अशवासन कमलनाथ जी ने दिया अब तो उनकी मध्यप्रदेश में सरकार है और वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है उनका ग्रह जिला होने के कारण उन्हें तत्काल संचित भूमि का बाजार से 4 गुना मुआवजा दिलाने की कार्यवाही करना चाहिए वर्ना मजबूर होकर किसानों को किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में नए भू-अर्जन अधिनियम का लाभ दिलाने हेतु आन्दोलन की राह पकड़नी होगी। छिन्दवाड़ा जिले से किसान संघर्ष समिति नए भू-अर्जन अधिनियम का लाभ प्राप्त करने का आन्दोलन शुरू करेगी और सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में विस्थापित परिवारों को नए भू-अर्जन अधिनियम का लाभ दिलाने हेतु संघर्ष करेगी।
नए भू-अर्जन अधिनियम में प्रावधान है कि आवार्ड पारित होने के 5 साल के अन्दर कोई परियोजना पूरी नही होती है तो किसानों की जमीने किसानों को वापस कर दी जायेगी। अदानी पावर प्लांट से प्रभावित किसान अब अपनी जमीन वापस लेने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री के घेराव की रूप रेखा बना रहे है। उसी तरह माॅचागोरा बाँध से प्रभावित किसानों को लोकसभा तथा कमलनाथ जी के विधान सभा चुनाव लड़ने के दौरान विशेष पैकेज देने की घौषणा की थी किन्तु आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही आगे नही बढ़ी है ना कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से कोई पत्राचार किया है।
माॅचागोरा बाँध का पानी छिन्दवाड़ा शहर को पीने के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा आनन फानन में कर तो दी किन्तु हड़बड़ी, लापरवाही तथा भ्रष्टाचार के कारण सही तरीके से छिन्दवाड़ा नगर वासियों को पीने का पानी इस भीषण गर्मी में उपलब्ध नही है। ग्राम जम्होड़ीपण्डा के किसानों को जिनकी सम्पूर्ण जमीन बाँध में चली गई रोजगार हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध कराने हेतु प्रभावित किसानों ने जिलाधीश क्लेक्टर को आवेदन पत्र दिया था किन्तु आज दिनांक तक इस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। किसान आन्दोलन करने पर मजबूर है कोरे अशवासन देकर वोट प्राप्त करना तथा विकास का महिमा मण्डल बनाने का ही परिणाम है कि कांग्रेस का वोट बैंक घटता चला जा रहा है इस पर चिन्तन, मनन तथा शीघ्र कार्यवाही करने का काम मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को करना चाहिए उन्हें छिन्दवाड़ा की जनता ने आईना दिखा दिया है।