मध्य प्रदेश : वन विभाग की गैर-कानूनी कार्यवाही के विरोध में बैतूल कलेक्टर का घेराव
28 जुलाई 2018 को वन विभाग सांवलीगढ रेंज रेजर सहित आधा दर्जन कर्मचारियों ने उमरडोह गाँव के आदिवासियों के टप्पर तोड़े, मना करने पर पीने के पानी में जहर डालने, मारने पीटने की धमकी दी। ज्ञात रहे कि वन विभाग ने इस वनभूमि पर अवैध कब्जे के जो 6 प्रकरण आदिवासियों पर लगाए थे, उन्हें न्यायालय ख़ारिज कर चूका है फिर भी वन विभाग जबरन आदिवासियों को जंगल से खदेड़ रहा है वन विभाग की गैर-कानूनी कार्यवाही के विरोध में 31 जुलाई 2018 को समाजवादी जन परिषद के बैनर तले बैतूल कलेक्टर का घेराव कर ज्ञापन दिया;
समाजवादी जन परिषद ने आज रैली निकालकर चिचोली ब्लाक की बोड़ और पीपल्बर्रा पंचायत उमरडोह में कोर्ट एवं शिकायत निवारण प्राधिकरण के निर्णय के बावजूद वन विभाग की गैर-कानूनी कार्यवाही एवं भीमपुर ब्लाक के रोहणी ग्राम के बारिश के चार माह बाहरी दुनिया से सम्पर्क टूट जाने के मुद्दे को लेकर बैतूल कलेक्टर कार्यालय पर रैली निकाली| सजप के राजेंद्र गढ़वाल ने बताया कि, उमरडोह के मामले शिकायत निवारण प्राधिकरण ने 05/2015 में पारित आदेश दिनांक 28/08/2016 के जरिए पेरा 25 में यह अनुशंसा प्रेषित की थी: “ इन सभी फोटो से यह सपष्ट है कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से नहीं बल्कि सभी मानवीय सिद्धांतों को ताक में रखकर की गई| वन परिछेत्र संवालीगढ़ के सभी उत्तरदायी वनाधिकारियों /कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाना आवश्यक है”|
लेकिन इस समबन्ध में दोषी वन, राजस्व एवं पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही करने की बजाए वन विभाग पुन: उन्हें उनके पीने के पानी में जहर डालने की धमकी दे रहा है| दिनांक 28/07/2018 शानिवार समय 4 बजें शाम की टाईम वन विभाग के सांवलीगढ रेंज रेजर साहब, डिप्टी साहब चूनाहपुरी, कामठामाल, आलमगढ़ चिरापाटला चिचोली, पीपलबर्रा , के नाकेेदार , चौकीदार, वन सुरक्षा समिति के लोग टीम बनाकर उमरडोह ग्राम में आज हमारे टप्पर तोड़े मना करने पर पीने के पानी में जहर डालने, मारने पीटने की धमकी दी। दूसरा इस मामले में वन विभाग ने वनभूमि पर अवैध कब्जे के जो 6 प्रकरण लोगो पर लगाए थे, उसमें न्यायालय के आदेश के अनुसार किसी भी मामलों में विभाग यह तक सिद्ध नही कर पाया कि यह उनकी अपनी वन भूमि है.
सजप के अफसर खान ने बताया कि, भीमपुर ब्लाक के केकडिया पंचायत का रोहणी गाँव बरसात में बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कट जाता है| इस गाँव के बीच पड़ने वाली चीवल नदी के कारण इस गाँव का रास्ता बंद हो जाता है| इसके चलते एक तरफ यहाँ के लोग को बीमारी में और डिलेवरी में कांवड़ बनाकर बीमार लोगों को ले जाना पड़ता है| इसके अलावा, यहाँ के बच्चे पांचवी क्लास, जो स्कूल गाँव में है, उसके आगे नहीं पड़ पाते है| गाँव वालों ने तुरंत नदी पर पुल बनाने और सड़क निर्माण की मांग की| गाँव वालों के कहा कि, अगर इन दोनों मामलों में कार्यवाही नहीं हुई, तो वो ग्रामसभा में फैसला ले चुनाव के दौरान किसी भी अधिकारी और नेता को अपने गाँव में घुसने नहीं देंगे|