संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ नौ दिवसीय स्वराज यात्रा

स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन के द्वारा शुरू की गई नौ दिन की स्वराज यात्रा कल हरियाणा के रेवाड़ी जिले के चिल्लड गांव में संपन्न हुई। 1 जुलाई को मनेठी गाँव से शुरू हुए यह पदयात्रा 9 जुलाई की सुबह भगवानपुर से चलकर चिल्लड गांव पहुंची, जहां पर स्वामी सुधानंद जी के द्वारा किसान संकल्प यज्ञ के आयोजन किया गया।

इस यात्रा के दौरान पदयात्रियों ने लगभग 205 किलोमीटर की पदयात्रा की। कुल 127 गांव में जाकर 70 सभाओं के माध्यम से ग्रामीणों से संवाद किया। इस यात्रा में केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों से भी आए कुल 123 पर यात्रियों ने हिस्सा लिया। स्वराज यात्रा गाँवों की बेहतरी के लिए संघर्ष के साथ-साथ अपने में रचनात्मकता को भी समेटे हुए था। इसके माध्यम से ग्रामीणों को हर तरह से जागरूक करने का प्रयास किया गया।

यात्रा मुख्यता 5 मुद्दों पर केंद्रीत था-

  • किसान को फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम मिले
  • किसानो को कृषि कर्ज से पूर्ण मुक्ति
  • हर मजदूर को काम मिले, पूरी मजदूरी मिले
  • गांव के नजदीक से शराब ठेकों को हटाया जाए
  • सारा गांव पानी बचाए, तालाब को जीवित करें

यह यात्रा अनेक मामलों में हमारे पुरानी यात्राओं से अलग थी। पिछले 3 वर्षों में हमने और हमारे साथियों ने देश के कई राज्यों यात्राएं की व किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। पिछले वर्ष हमने दिल्ली में 190 से अधिक किसान संगठनों साथ मिलकर मिलकर किसान संसद का आयोजन किया परंतु इस यात्रा में हमने बड़े शहरों में आयोजन ना करके सीधे गांवों में जाकर ग्रामीण, किसानों से संवाद स्थापित किया।

हमारा प्रयास था गांव में जाकर ग्रामीणों को इस जागरुकता अभियान में सम्मिलित किया जाए इसलिए स्वराज यात्रा में हम हर गांव जाकर सिर्फ भाषण नहीं दे रहे। कार्यक्रम के अंत में हम पूछ रहे है कि कितने लोग अपने जीवन के दो साल गांव, खेती को बचाने के अभियान में समर्पित करेंगे। हामी भरने वाले “स्वराज योगी” बाकायदा शपथ लेते हैं। यात्रा के बाद इन सभी साथियों को इन कामों के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी। हमारा अनुमान था कि लगभग 100-150 साथी इस काम में सहयोग के लिए आगे आएंगे, लेकिन 9 दिन की यात्रा यात्रा में कुल 960 स्वराज योगियों ने शपथ ली, जो इस यात्रा यात्रा को मिले अभूतपूर्व समर्थन को दर्शाता है।

यात्रा के दौरान हमें कोई भी गांव ऐसा नहीं मिला जहां पर महिलाओं ने शराब की समस्या को गंभीरता से ना उठाया उठाया हो। पूरे रेवाड़ी जिले में शराब की खपत से 10 वर्षों में दोगुनी हो चुकी है और इसका सबसे ज्यादा दंश महिलाएं झेल रही हैं। दूसरा प्रमुख मुद्दा किसानों को उनकी फसल का सही दाम न मिलना है। स्वराज इंडिया यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि किसान के फसल का एक भी दाना MSP से से कम रेट पर ना बीके तथा स्वराज योगियों की मदद से हर ग्राम सभा में गाँव में चल रहे शराब के ठेके को बंद करने का प्रस्ताव पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीणों के मदद के मदद के लिए हर गांव में स्वराज केंद्र खोले जाएंगे केंद्र खोले में स्वराज केंद्र खोले जाएंगे केंद्र खोले जाएंगे ताकि उन्हें हर संभव मदद उनके गांव में ही दी जा सके सके।

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