संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

उड़ीसा : कालाहांडी से दिल्ली तक उठी आवाज़ लिंगराज आज़ाद को रिहा करो

पैरों में चप्पल बगल में झोला और सांवला सा भोला चेहरा ये हैं लिंगराज भाई यानी की नियामगिरि सुरक्षा समिति के जुझारू कार्यकर्ता लिंगराज आज़ाद जिन्हें 6 मार्च को ओडिशा सरकार ने अवैध तरीके से गिरफ्तार कर लिया। कसूर था नियामराजा को विशाल कार्पोरेट दैत्य से बचाने की लड़ाई लड़ने का। लिंगराज भाई की गिरफ्तारी के खिलाफ कालाहांडी से लेकर ओडिशा के विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में जब उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ आज, 8 मार्च को जब दिल्ली के इंसाफपसंद नागरिकों ने शांतिपूर्ण विरोध करना चाहा तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें भी अवैध रूप से गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग थाने पर बंधक बना लिया, प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे तक थाने में नारेबाजी की। तकरीबन दो घंटे बाद प्रदर्शनकारियों को रिहा किया गया।

देखिये विडियो में …दिल्ली पुलिस के साथ तकरार ..मैगसेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे और दिल्ली पुलिस:…. लॉ और सविधान एक ही चीज़ हैं….लिंगराज आजाद की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ

जंतर मंतर LIVE Jantar Mantar LIVE ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಮಾರ್ಚ್ 8, 2019

ज्ञात रहे कि लिंगराज पर लांजीगढ़ थाने में पहला केस : नम्बर 28, दिनांक 26/4/2017 को धारा – 143, 147, 148, 188, 149 / 7 सीआरपी एक्ट के अंतर्गत 341, 120B। दूसरा केस : 1 / 19 – दिनांक 18/2/2019 को धारा – 147, 148, 294, 506, 149 आईपीसी और 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।

आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ने वालों में लिंगराज भाई एक तेज लड़ाके रहे हैं और उड़ीसा के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं साथ ही समाजवादी जन परिषद और एनएपीएम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।

तीन दशकों के उनके एक्टिविज्म में गिरफ़्तारियां और हमले कोई नई बात नहीं रही है। उत्पीड़न और प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट के खिलाफ संघर्ष करने के लिए उनपर कई बार शारीरिक हमले हुए हैं और राज्य द्वारा प्रताड़ित किया गया है।

नियमगिरि पर्वतों में आदिवासी अधिकारों के लगातार होते हनन को लेकर 11 मार्च को भुवनेश्वर में होने वाले पूर्वनियोजित मोर्चे और चुनाव के ठीक पहले उड़ीसा सरकार द्वारा की गई इस निर्लज्ज गिरफ्तारी और हमले की हम पुरजोर निन्दा करते हैं।

लिंगराज आजाद की तुरंत रिहाई की मांग करते हैं और नियमगिरि पर्वतों में होने वाले कॉर्पोरेट और राज्य के आतंक को तुरंत खत्म कर अधिकारों की पुनर्स्थापना की मांग करते है। पढ़िए ज्ञापन;

 

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