देश का सबसे बड़ा विस्थापन: दिल्ली-मुम्बई कॉरीडॉर
आज देश भर के किसान और खेती के साथ जुड़े मजदूर, छोटे व्यापारी, कारीगरों के उजड़ने की साजिश चल रही है, वह भी वही पुराने घिसे तर्क ‘विकास‘ के नाम पर! ‘भूमि अधिग्रहण‘ याने अंग्रेज सरकार के जमाने से उन्ही के दिये हुये कानून के तहत् पीड़ियों से चलती आ रही, करोड़ो की आजिविका और सभी देशवासियों की खाद्यसुरक्षा का आधार खेती की भूमि और उससे जुड़ा पानी,…
और पढ़े...
पानी के निजीकरण के खिलाफ कुंभ में जल संसद
कहा जाता है कि राजा भागीरथी अपने पुरखों को तारने के लिए हिमालय से गंगा बहा कर तीर्थराज प्रयाग लेकर आये थे। लाखों…
मारूति सुजुकी के मज़दूरों के समर्थन में लखनऊ में उठी आवाज़
भारी ठंड और बारिश को धता बताते हुए विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि मारूति सुजुकी के संघर्षरत मज़दूरों के समर्थन…
पुलिसिया हमले के खिलाफ 5 राजनीतिक दल पी.पी.एस.एस. के समर्थन में आये सामने तथा किया पोस्को कम्पनी का विरोध
एक तरफ लाठी, डंडों और मशीनगन से लैस पुलिस के जवान तो दूसरी तरफ निरीह छोटे-छोटे बच्चे जो अपने पुरखों की जमीन बचाने के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं ।
यह नजारा किसी फिल्म का नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र भारत के उडीसा राज्य के जगतसिंहपुर जिले का है जहां पोस्को की विशाल स्टील परियोजना के खिलाफ विस्थापन विरोधी लोगों की लडाई निर्णायक दौर में…
और पढ़े...
पोस्को-एम.ओ.यू.-सरकार एवं स्थानीय आबादी
सात सालों में पोस्को विरोधियों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। प्लांट के लिए जिस स्थान का चयन किया गया था वहां…
बर्बर पुलिसिया दमन के विरोध में उड़ीसा भवन पर प्रदर्शन
दिल्ली के उड़ीसा भवन पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने जगतसिंहपुर में पोस्को कम्पनी का…
सरकार-कोरपोरेट का गठजोड़: पोस्को विरोधी आंदोलनकारियों पर कातिलाना हमला, 10 किसान गिरफ़्तार
3 फ़रवरी, 2013 को सुबह के लगभग 4 बजे 12 प्लाटूनों से नुआगांव में पोस्को संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों पर हमला बोल दिया. इस कतिलाना हमले में कई महिला-बच्चें-बुजर्गों के घायल होने की खबर आई हैं. हमले के बाद घरों में सो रहे पोस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कम से कम 10-12 स्थानीय किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबरन भूमि-अधिग्रहण के लिय…
और पढ़े...
एक बूँद पानी भी अभिजीत ग्रुप के प्लांट को नहीं देंगे : किसानों का ऐलान
बिहार के बाँका जिले में चन्दन नदी पर लक्ष्मीपुर (बौंसी प्रखण्ड) में केवल सिंचाई कार्य के लिए करीब 40 वर्ष पूर्व…
नवउपनिवेशवाद का नया दौर : अफ्रीका में जमीन की लूट में भारत भी शामिल
मई 2009 में प्रकाशित इस समाचार के बाद …
दमनकारी कानूनों के विरूद्ध: सम्मेलन
गुजरी 20 जनवरी को चंडीगढ़ में गदर आंदोलन की 100वीं बरसी के अवसर पर दमनकारी कानून विरोधी कमेटी, चंडीगढ़ के बैनर तले दमनकारी कानूनों के खिलाफ एक दिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में राजविन्द्र सिंह बैंस एडवोकेट (पंजाब ह्यूमैन राइट आर्गेनाइजेशन, पीएचआरओ), प्रो. जगमोहन सिंह (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट, पंजाब, एएफडीआर ), पंकज त्यागी (पीपुल्स…
और पढ़े...