संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

यह आत्महत्या नहीं, हत्या है : जाँच दल

राजस्थान के झुंझनू जिले में अवैध खनन का विरोध कर रहे वतंत्रता सैनानी ताड़केश्वर शर्मा के पौत्र प्रदीप शर्मा की संदिग्ध मौत को पुलिस ने आत्महत्या करार दिया. लेकिन स्वतंत्र जाँच दल को मिले साक्ष्य उनकी हत्या किये जाने की और इशारा करते हैं. वहीं इस् हत्या के दोषियों की गिरफ़्तारी की मांग् को लेकर पचेरी कलां गांव में जारी अनिश्चितकालीन धरने में प्रदीप…
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कटवरिया सराय के रेहड़ी-पटरी दुकनदारों पर पुलिसिया दमन

होली पर्व से पहले लोग खुशियों से लबरेज होते हैं, काफी दिन पहले से ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लगे…

ईंट भट्टा मजदूरों पर एक नजर

ईंट भट्टा मजदूरों की आपात स्थिति को उजागर करता सुनील का महत्वपूर्ण आलेख; जहां उद्योग लगते हैं उस इलाके में माल के आवागमन के लिए रोड, बाजार का विकास होता है। एक ऐसा भी उद्योग है जहां सड़क के नाम पर सिर्फ पगंडडी होती है, बाजार 3-4 कि.मी. की दूरी पर होता है। जहां ये मजदूर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए 15 दिन पर जाकर खरीददारी कर पाते हैं। इस…
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कूडनकुलम: रिएक्टर चालू होने से पहले ही आशंका के घेरे में, सरकार अड़ी

तमिलनाडु के कूडनकुलम में रूस से आयातित परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा प्लांट के शुरु होने से पहले ही आशंकाओं के घेरे…

झारखण्ड : जल, जगल, जमीन, खनिज की लूट के विरोध में जनअभियान तेज

विस्थापन विरोधी नवनिर्माण मोर्चा के आहवान पर 10 मार्च 2013 से आरम्भ होनेवाला जन अभियान विभिन्न् जिलो मे प्रचार - प्रसार करतें हुए 17 मार्च को रांची पहुचा। शहीद बीर बिरसा समाधि स्थल पर विभिन्न् जिलों का जत्था पहुंचकर पुष्पाजति अर्पित कर संकल्प लिया कि झारखण्ड एंव देश में प्रचलित विनाशकारी विकासपनीति को बंद करेगे और किसी भी कीमत पर जमीन नही देगें,…
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दिल्ली-मुम्बई कॉरीडॉर : संघर्ष यात्रा में खुली ‘शाईनिंग गुजरात‘ की पोल

अपने पांचवे दिन डीएमआईसी के खिलाफ चल रही मुंबई-दिल्ली संघर्ष यात्रा 13 मार्च को गुजरात पहुंची। मुंबई से 8 मार्च…

जल, जगल, जमीन, खनिज की लूट के विरोध में झारखण्ड में जनअभियान तेज

पूरी दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची हुई है। नदी - झरना, खेत-खान, जंगल-पहाड़, सागर-आकाश, हवा-रोशनी सभी…

शावेज़ की हकीकत : तीसरी दुनिया का सपना

50 बाते जिन्होंने वेनेजुएला को गरीबी, गैर बराबरी और अमेरिकी दादागिरी के खिलाफ लड़ाई का मजबूत मोर्चा बना दिया- लैटिन अमेरिका के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ है कि एक राजनैतिक नेता की ऐसी निर्विवाद वैधता रही हो। 1999 में सत्ता में आने के बाद से वेनेजुएला में 16 चुनाव हुए। ह्यगो शावेज ने 15 जीते। 7 अक्टूबर 2012 के आखिरी चुनाव में उन्होंने…
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