संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध मे प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के राष्ट्रीय सम्मेलन का पहला दिन समाप्त

हल्द्वानी 24.09.2022: प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र ने आज प्रातः ध्वजारोहण के साथ अपने तीसरे सम्मेलन की शुरुआत की। ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाषण के साथ सम्मेलन के औपचारिक सत्र की शुरुआत की।

पूरे दिन चली चर्चा में सम्मेलन ने विभिन्न राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर चर्चा की गई। सम्मेलन ने इस बात पर चर्चा की जहां पहले ही दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं संकट में थीं, वहां कोरोना महामारी ने आम जनता का जीवन और भी ज्यादा संकटग्रस्त हो गया है।

सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में बोलते हुए प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि जहां महिलाओं का जीवन पहले से ही संकटपूर्ण था कोविड महामारी ने इस संकट को कई गुना बढ़ा दिया। कोरोना महामारी के दौरान जो महिलाएं बेरोजगार हुईं वह अभी तक अपनी नौकरियों में नहीं लौट पाई हैं।

सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा की गई कि समय के साथ महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। समाज में चल रही अश्लील संस्कृति महिलाओं को एक भोग की वस्तु बनाकर पेश करती है जिसकी फलस्वरूप बलात्कार के बाद हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

सम्मेलन की अध्यक्ष शीला शर्मा ने कहा कि बढ़ती हुई मंहगाई और बेरोजगारी ने महिलाओं पर बड़ा कुप्रभाव डाला। लॉकडाउन के समय घरों में कैद महिलाओं पर न सिर्फ घरेलू काम का बोझ बढ़ा बल्कि घरेलू हिंसा पर बड़े स्तर पर इजाफा हुआ। आज पूरी दुनिया में हर तीसरी महिला किसी न किसी प्रकार की हिंसा की शिकार है।

संगठन की महासचिव रजनी ने कहा कि हम महिलाएं 21वीं सदी में जीवन जी रहे हैं। हम मजदूर- मेहनतकश महिलाओं को एकजुट होकर अपने साथ होने वाले हर उत्पीड़न- शोषण के खिलाफ संघर्ष करने की जरूरत है।
सम्मेलन के पहले दिन का समापन सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक क्रार्यक्रम द्वारा की गई।

जारीकर्ता

महासचिव
(रजनी जोशी)

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