संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

जे.पी. पॉवर प्लांट विरोधी आंदोलन : 4 महीने के बाद राजबहादुर पटेल जमानत पर रिहा

13 दिसंबर 2017 को करछना आंदोलन, उत्तर प्रदेश के अगुवाकार तथा किसान कल्याण संघर्ष समिति, करछना के अध्यक्ष राजबहादुर पटेल को इलाहाबाद सेशन अदालत ने जमानत दे दी।

राजबहादुर पटेल पर कुल 18 मुकदमें दर्ज थे उनमें से 14 मुकदमों में 50,000-50,000 के 14 मुचलके, 2 मुकदमों में एक-एक लाख के दो मुचलके तथा दो मुकदमों में 20,000 के दो मुचलके पर जमानत दी गई है।

गौरतलब है कि जे.पी. पॉवर प्लांट के लिए उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले की करछना तहसील में चल रहे जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में चल रहा आंदोलन 16 नवंबर 2015 को हुए बर्बर पुलिसिया दमन के दौरान राजबहादुर पटेल आंदोलन को चलाए रखने के लिए भूमिगत हो गए थे। जिला प्रशासन ने पटेल की गिरफ्तारी हेतू उन पर 12000 रुपए का इनाम घोषित किया था। किसानों पर दबाव बनाकर आंदोलन खत्म कराने के लिए 44 ग्रामीणों के उपर तीन फ़र्जी मुकदमे दायर किए गए-

  • अपराध संख्या 369/15 धारा, 143, 436 आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेंड एक्ट 
  • अपराध संख्या 370/15 धारा 147, 148 आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेन्ट एक्ट 
  • अपराध संख्या 371/15 धारा 147, 148, 149, 307, 286, 353, 332, 336, आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेंड एक्ट

लगभग 21 महीने भूमिगत रहने के पश्चात राजबहादुर पटेल ने अगस्त 2017 को इलाहबाद जिला न्यायालय में सरेंडर कर दिया जहां 4 महीने जेल में रहने के पश्चात अंततः उन्हें 13 दिसंबर 2017 को जमानत मिल गई।

राजबहादुर पटेल समेत करछना आंदोलन के सभी किसानों का यह दमन तथा जमानत मिलने में देरी इस देश के शासक वर्ग के कॉर्पोरेट समर्थित चरित्र को तीखे रूप में सामने लाकर रख देती है जहां वह चंद पूंजीपतियों के मुनाफे के लिए न केवल देश के किसानों से उनकी जमीनें छीन रही है बल्कि उनके खिलाफ चल रहे उनके आंदोलनों को तोड़ने के लिए कानून को ढाल बना रही हैं।

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