संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

जल सत्याग्रह का 27वां दिन : भोपाल में ओंकारेश्वर बाँध विस्थापितों का प्रदर्शन

आज 7 मई को 27 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, 26वें दिन भोपाल में सैकड़ो ओंकारेश्वर बाँध विस्थापितों द्वारा विशाल
प्रदर्शन किया गया। बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन के बाद विस्थापितों द्वारा
वापस किये गए मुआवजे के डिमांड ड्राफ्ट की माला मुख्यमंत्री श्री शिवराज
सिंह चौहान को भेजी गयी । प्रदर्शन में भोपाल के अनेक जन संगठनो और आम आदमी
पार्टी के पदाधिकारी ,कार्यकर्ता समर्थन में मौजूद थे ।नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विज्ञप्ति; 

विस्थापितों का एक प्रतिनिधि मंडल नर्मदा आंदोलन की नेत्री सुश्री चित्तरूपा पालित के नेतृत्व में प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी विकास विभाग श्री रजनीश वैश से मुलाक़ात की। श्री वैश से आग्रह किया गया की विस्थापितों की पुनर्वास की मांग को स्वीकार कर एक संयुक्त समिति बनाकर पुनर्वास का कार्य पूरा किया जाए। इसपर श्री वैश ने कहा की इन मांगो को वह राज्य सरकार तक पंहुचा देंगे, जमीन की गुणवत्ता के बारे में मतभेद होने पर श्री वैश का सुझाव था की आप कुछ स्वतंत्र लोगो के माध्यम से प्रस्तावित जमीनों की जांच करवा ले, इस सन्दर्भ में विस्थापितों की और से एक पत्र सरकार को भेजा जा रहा है ।
प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मुख़्य सचिव श्री शरदचंद बेहार , सकु बाई ,देवेन भाई , मनसाराम भाई , जाधव पटेल, सुश्री तेजी ग्रोवर , सुश्री आतिशी मर्लिना , श्री अक्षय हुँका आदि शामिल थे ।

फिर दिखाई अन उपजाऊ और अतिक्रमित जमीन ।

परसो सरकार द्वारा नरसिंगपुर जिले में 350 हेक्टेयर जमींन का प्रस्ताव दिया था। उन जमीनों को देखने के लिए 8 विस्थापितों का दाल NHDC के अधिकारियो के साथ गया वहा पर अधिकारियो द्वारा उन्हें आज 45 हेक्टेयर  जमींन का टुकड़ा दिखाया गया। ये जमीनें गहरे गड्डे वाली, अंन उपजाऊ और अतिक्रमित थी। विस्थापितों द्वारा नरसिंगपुर जिले की  प्रस्तावित अन्य 300 हेक्टेयर जमींन दिखाने का आग्रह करने पर कोई अन्य जमीन न दिखाते हुए अधिकारी उन्हें वापस ले आये। इसप्रकार फिर एक बार अच्छि जमीन दिखाने के नाम पर विस्थापितों के साथ धोखा किया गया है ।

इधर घोगलगाव में 26 वे दिन भी आंधी तूफान के बावजूद जल सत्याग्रह पुरे उत्साह के साथ जारी रहा । भोपाल में सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय न देने और नरसिंगपुर में फिर से बंजर और अतिक्रमित जमींन दिखाने पर अपना रोष व्यक्त करते हुए बिगड़ती शाररिक हालत के साथ जल सत्याग्रह पूरी ताकत के साथ जारी रखने का संकल्प लिया गया ।

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