संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

सत्याग्रहीयों ने लिखे गाँववार पत्र- मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के नाम

राजघाट, नर्मदा किनारे, महिला शक्ति  नर्मदा बचाने और गाॅव खेत बचाने के लिए पूरी ताकत से जुडती जा रही है। आज ‘‘ जीवन अधिकार सत्याग्रह ‘‘ के 7 वे दिन भी महिलाएॅ गाॅव-गाॅव से निकल कर 24 घण्टें के क्रमिक सत्याग्रह पर बैठ रही है।” बहनों की इज्जत है किसमें- घर गाँव  बचाने में”  इस नारे के साथ उसकी आवाज बुलंद  होती जा रही है। जब कि निमाड की भजन कीर्तन  की परंपंरा भी माॅ रेवा के नाम चलते भजनों से आधी रात तक ये महिलाएॅ और भजननिपुन कलाकार डूब क्षेत्र  के कवठी गाॅव के पन्नालाल पाटीदार और पिपलुद के कैलाश  भाई जैसे उजाकर कर रहे है। दूसरी और रोज सुबह 8 बजे की प्रार्थना से लेकर विविध नारे, संघर्ष गीतों से भी गूंज  रही है, आंदोलन की आवाज।
       आज ग्राम बोरखेडी ग्राम कवठी ग्राम कसरावद व कुण्डिया व बोधवाडा ये बडवानी कुक्षी मनावर तहसिलों के गाॅव के सैकडों लोग जिलाधीश  श्री गंगवाल को मिल कर आपना पत्र मुख्यमंत्री के नाम देकर आये तथा जिलाधीश  को सुना कर आये कि हमारा गाॅव जीवित है, और हमें अवैध गैरकानूनी रूप से डूबोने की कोशिश  करोगें तो हम भी टकराएंगे जरूर ।
     सत्याग्रह स्थल पर गाॅव गाॅव ने लिखे ग्राम सेमल्दा , गोपालपुरा (मनावर), निसरपुर, खापरखेडा (कुक्षी), पिपलुद, कुण्डिया (बडवानी) पिछोडी (बडवानी) के पत्र प्रधानंमत्री के नाम भेजे गये है। गाॅववासीयों ने लिखे उनके मन की बात.  उनका कहना है कि नर्मदा हमारी माता है, यहां कि धरती खेती फलोंघान हमारे सार्वजिनक स्थल आदि के साथ हम जी रहे है,। हमारी जीविका बांध की डूब से छीनकर, वैकल्पिक आजीविका-किसानों को दूसरी जमीन और भूमिहीनों को दूसरा व्यवसाय- न देते हुए हमें बरबाद करना हमें  नामंजुर है ।हम डटे है सत्याग्रह पर हम नहीं हटेगे डूब से सामना करेगे गाॅव गाॅव ने आपने आपने निवासीयों से आनाज, कहीं नीबूं तो कहीं केला लाकर और हर रोज आपने खाने के साथ अन्य मंहमानों और ग्रामवासीयों के लिए भोजन पैकेटस् आ कर सत्रूाग्रह का खर्च चला रहे है। किसी ने दरी तो किसी ने पंखें दान में दिये है।
सत्याग्रहीयों ने तय किया कि 21 अगस्त के रोज होगी सरदार सरोवर प्रभावित मुआवारें प्रतिनीधयों की बैठक और 24 अगस्त के रोज होगा भूमि आवास आजीविका अधिकार पर महा सम्मेलन इस कार्यक्रम में विविध मान्यवर तथा संषक्त जन-आंदोलनों के साथी जो किसान,  मजदूरों, मछुआरों को उजाडने का विरोध, सरदार सरोवर को चुनौती तथा जीने  के अधिकार के लिए संघर्ष में शामिल  होंगे।
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