संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसानो के हित मे संघर्ष जारी रहेगा- डॉ. सुनीलम्

किसान संघर्ष समिति
शहीद किसान स्मृति कुटीर
स्टेशन रोड,मुलतापी, बैतूल ( म.प्र.), 460661

किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम् ने प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा 18 अक्टूबर 2012 को फैसला दिये जाने के बाद कहा कि मेरे सहित 250 किसानो पर 12 जनवरी 1998 को 66 फर्जी मुकदमे दर्ज किये गये थे, जिनमे से निॅम्न तीन प्रकरणो मे फैसला दिया गया है. आरोप क्या तय किए गए हैं यह फैसला आज दोपहर में सुनाया जाएगा.

1. सत्रवाद क्रं. 277/6 यह प्रकरण थाना प्रभारी एस. एन. कटारे की राइफल छीनने और जान से मारने का है। डॉ. सुनीलम, अमरु, रजनीश, रामू, मदन, दिनकर, भारत ( अमरु और शरत की मुकदमे के दौरान मौत ) धाराए:-148, 145, 152, 333, 139, 307, 397
2. सत्रवाद क्रं. 278/6 यह प्रकरण सब इन्सपेक्टर सरनाम सिंह को जलाने एवं जान से मारने के प्रयास से संबंधित है। डॉ.सुनीलम, रामू पवॉर, दिनकर, सहदेव, मदन, शिवलू, टिक्कू, बब्बू (टिक्कू और बब्बू गोलीचालन के दौरान शहीद हुए थे) धाराए:-148, 145, 152, 332, 149, 307, 133
3. सत्रवाद क्रं. 280/6 धीर सिंह की हत्या का प्रकरण डॉ.सुनीलम, परषुराम, टंटी चौधरी, शेषू, रामू, अनिल, शिवलू, कृष्णकुमार, गुलाब, अमरु, भीमराव ।( भीमराव गोलीचालन मे शहीद ), अमरु की मुकदमे की दौरान मौत ) । धाराए:-302, 147, 148, 149, 307, 323, 451,( 3, 4 लोक संपत्ति हानि निवारण अधिनियम ) ( 14 वर्ष बाद सितम्बर 2012 को धारा 120 बी जोड़ी गई है।)

डॉ. सुनीलम् ने सजा सुनाये जाने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मै मानसिक तौर पर पहले से ही सजा सुनंने के लिये तैयार थे, इसलिये उन्हे फैसला सुनकर कोई आष्चर्य नही हुआ। डॉ. सुनीलम ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने मेरी हत्या के इरादे से ही 12 जनवरी 1998 को गोलीचालन करवाया था तथा 66 मुकदमे दर्ज कराने का मकसद सालो साल अदालत के चक्कर कटवाना तथा सजा दिलवाना ही था। आज मै कह सकता हूँ कि वे तात्कालिक तौर पर ही सही अपना षड़यंत्र पूरा करने मे सफल हूये है। डॉ. सुनीलम कहा कि यह साफ हो गया कि सरकार बदलने से किसानो के प्रति सरकार का दृष्टिकोण नही बदलता। डॉ. सुनीलम ने कहा कि मै लगातार कहता था कि शिवराजसिंह चौहान दिग्विजय सिंह के मुझे सजा दिलवाने के मिशन को पूरा करने के लिये भरसक प्रयास कर रहे है। अंततः मुख्यमंत्री भी सजा दिलाने मे कामयाब हुये। दोनो के रुख से ये साफ हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा न केवल किसान विरोधी पार्टियॉ है बल्कि पुलिस गोलीचालन की समर्थक पार्टियॉ भी है।यही कारण है कि दोनो पार्टियो ने आजतक 12 जनवरी को शहीद किसानो को श्रद्धांजलि नही दी है।

इतिहास मे यह पहली बार हुआ होंगा जब आंदोलन करने वाले किसानो को अदालत द्वारा सजा सुनाई गई हो। डॉ. सुनीलम ने कहा कि वे उच्च न्यायालय मे फैसले के विरुद्ध अपील करेंगें। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि उच्च न्यायालय मे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

किसान संघर्ष समिति की ओर से गत 14 वर्ष से किसानो के सभी प्रकरणो मे निशुल्क पैरवी कर रही एड. आराधना भार्गव ने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, न्यायिक फैसलो के इतिहास मे आज का दिन काले दिन के तौर पर याद किया जायेंगा जिस दिन लोकतांत्रिक देश मे संवैधानिक अधिकारो के आधार पर अहिंसात्मक संघर्ष करने वाले को सजा सुनाई गई हो । इस फैसले यह सिद्ध हो गया कि पुलिस सरकार के हाथ की कठपुतली है, सरकार के इशारो पर ही आन्दोलनकारियो पर झूठे मुकदमे बनाये तथा फर्जी गवाही के आधार पर सजा कराई। हम उच्च न्यायलय मे अपील करेगें। किसानो के निर्दोष साबित होने तक मै किसान संघर्ष समिति की ओर से कानूनी लड़ाई लडूंगी.

आज फैसले का दिन होने के कारण सुबह से ही किसान अदालत के आस पास जमा थे। फैसला होने के बाद किसान संघर्ष समिति ने जुलूस निकालकर मुलताई बस स्टैण्ड स्थित शहीद स्तंम्भ पर पहुंचकर नारेबाजी कर सभा की तथा संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। सभा को प्रदेश उपाध्यक्ष संतोषराव बारस्कर, जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के, पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण बोरबन, जिला उपाध्यक्ष कृष्णा ठाकरे, बैतूल ब्लॉक के अध्यक्ष सवाईलाल पण्डाग्रे, प्रभात पट्टन ब्लॉक अध्यक्ष गुलाब देशमुख, आमला ब्लॉक के अध्यक्ष सत्यप्रकाश बचले, युवा अध्य़क्ष कृपाल सिंह, महिला अध्यक्ष सुमन बाई कसारे, किसान संघर्ष समिति के वकील एवं प्रदेश उपाध्यक्ष एड. आराधना भार्गव ने सभा को सम्बोधित किया।

मुलताई गूलीकांड के बारे में डॉ सुनीलम का भाषण हिन्दी में सुनें:

इसको भी देख सकते है