संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

रेणुका बांध में समायेंगे लाखों पेड़

पर्यावरण के प्रति हमारे नेता कितने जागरूक हैं या पर्यावरण के कितने हिमायती हैं ये देखने में आता है रेणुका डेम के संदर्भ में। दिल्ली को 23 क्यूसेक्स पानी देने के लिए और हि. प्र. को 40 मेगावाट बिजली पैदा करने के दावे को पेश करते हुए और गिरी नदी को राष्ट्रीय संपदा में शामिल करते हुए इस परियोजना को कार्यरूप दिया जा रहा है लेकिन इस परियोजना से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी चिन्ता न तो नेताओं को है और न प्रशासनिक अधिकारियों को।

रेणुका जी डेम में निजी भूमि पर जो पेड़ हैं उन्हें फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए नहीं भेजा जा रहा है। 148 मी. ऊँचे बांध से 24 कि.मी. लम्बी झील बनेगी। वन विभाग द्वारा विजयपाल ठेकेदार को पेड़ गिनने का ठेका एचपीपीसीएल ने दिया और उसने पेड़ों की गिनती की जिसमें उसने लगभग 12 लाख पेड़ निजी भूमि में गणना में पाए लेकिन एचपीपीसीएल ने उन्हें फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए कंसीडर नहीं किया और सिर्फ सरकारी भूमि के पेड़ों को ही मानकर वन मंत्रालय को फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए भेज दिया गया। लेकिन मंजूरी फिर भी नहीं मिलने पर सिर्फ फोरेस्ट क्लियरेंस लेने के लिए 4 मी. ऊँचाई घटा दी गईं पहले ये संख्या 151439 पेड़ थी लेकिन अब यह संख्या 1 लाख 44 हजार पेड़ रख दी गई है जो जमीन जलमग्न होनी है उसमें लोग कृषि करते हैं और नदी किनारे की जमीन काफी उपजाऊ है जिसमें लोग 3-3 फसलें लेते हैं। रेणुका जी डेम के लिए धारा 17(4) के तहत भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। ईआईए को ग्रीन ट्रिब्यूनल में लगा दिया गया है जिसमें कि अभी मामला अटका पड़ा है। काफी लम्बे अरसे से लोग संघर्ष कर रहे हैं लेकिन कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए लोग लाचार होकर अंडर प्रोटेस्ट पेमेंट ले रहे हैं जिसमें अभी तक 2 गांव की जमीन ही एचपीपीसीएल अधिग्रहण कर पाया है और मात्र लगभग 1200 बीघा निजी जमीन में 66269 पेड़ निकल कर आ रहे हैं जबकि इसमें पेड़ ज्यादा हैं। इसका प्रमाण आरटीआई में लिया गया है। दो गांव जिनकी जमीन अधिग्रहण की गई है- (1). डुंगी कण्डीन में कुल जमीन 453 बीघा, कुल पेड़ 32640; तथा पनार कलाहाण में कुल जमीन 689 बीघा, कुल पेड़ 23629 एचपीपीसीएल व वन विभाग के अधिकारियों द्वारा गिनती करवाई गई। विस्थापितों को जिस जमीन का रेट 60,500 रु. दिया जा रहा है, उसी किस्म की जमीन एचपीपीसीएल पुनर्स्थापन के लिए 6,80,000 रु. प्रति बीघा खरीद रही है। – पूर्णचन्द, रेणुका बांध जनसंघर्ष समिति, सिरमौर
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