संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

बुलेट ट्रेन : पालघर में पर्यावरणीय जनसुनवाई दूसरी बार रद्द

महाराष्ट्र, पालघर 2 जून 2018 l बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण के संदर्भ में पालघर में पर्यावरणीय आकलन के लिए दुसरी बार जनसुनवाई रखी गई थी. सिर्फ 5 मिनट में स्थानीय आदिवासियों के विरोध के कारण रद्द करनी पड़ी है. एक महिना पहले भी यह जनसुनवाई भूमिपुत्र बचाव आंदोलन के विरोध के कारण रद्द करनी पडी थी. बुलेट ट्रेन देश की जनता के हित मे नहीं है वह पर्यावरणीय संकट है. यह बात मोदीजी को किस भाषा मे समझाए यह सवाल खडा करते हुए जब तक यह जनसुनवाई का नाटक बंद नहीं किया जाता तब तक हम अनशन धरने पर बैठने की घोषणा की. इस के तुरंत बाद कलेक्टर ने यह जनसुनवाई रद्द करने की घोषणा की. – शशी सोनवणे (भूमिपुत्र बचाव आंदोलन)

जमीन देने से स्थानीय लोगों ने किया इनकार

आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट मे कहा गया है कि जमीन अधिग्रहण के मामले में स्थानीय समुदाय और जनजातीय लोग सरकार के विरोध में उतर आएं है। रिपोर्ट के मुताबिक पालघर जिले के करीब 70 प्रतिशत से अधिक जनजातीय गांव के लोगों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए केंद्र सरकार को अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया है। साथ ही इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली रेल परियोजना के खिलाफ एक व्यापक प्रदर्शन की भी तैयारी कर रहे हैं।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली हाई स्पीड रेल परियोजना के सपने को साकार करने के लिए 2018 के अंत तक जमीन अधिग्रहण करने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है। बुलेट ट्रेन की नींव प्रधानमंत्री मोदी ने बीते वर्ष गुजरात चुनाव से पूर्व अहमदाबाद में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ रखी थी। हालांकि आधिकारिक काम की शुरूआत जनवरी 2019 में होना है। बता दें कि इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का करीब 110 किलोमीटर का हिस्सा महाराष्ट्र के पालघर जिले से होकर गुजरता है।

इसको भी देख सकते है