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राज्यवार रिपोर्टें
मोदी के डिजिटल इंडिया का वर्तमान सच
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही अपने एक और सपने डिजिटल इंडिया को मूर्त रूप देने का उपक्रम शुरु किया है। इसकी सफलता पहुंच बढ़ाने में हैं न कि 4.5 लाख करोड़ के निवेश में। वैसे उन्होंने सायबर अपराधों से निपटने के लिए रक्तविहीन युद्ध का नया शिगूफा भी छोड़ा है। हमें इंतजार करना होगा सन् 2019 का क्योंकि तब इस सपने की हकीकत हमें मालूम पड़ेगी। पेश है…
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ग्रीस : लोकतंत्र में गरिमा की वापसी
ग्रीक त्रासदियों के लिए विख्यात यूनान (अब ग्रीस) ने इस बार सुखांत करके सिद्ध कर दिया है कि आधुनिक लोकतंत्र के इस…
कारपोरेट हित नहीं आर्थिक न्याय चाहिए
वित्त और विकास के आपसी तालमेल की परिणिति यदि मानव कल्याण में न होकर केवल कारपोरेट लाभ के लिए होती है तो वह…
दलित बजट अधिकार रैली : 9 जुलाई 2015, दिल्ली सचिवालय !
दलित बजट का 2409 करोड़ वापस करो !
S.C.S.P का पैसा बच्चों, महिलाओं तथा अन्य समाजिक कार्यो पर खर्च करें !
बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के मानवीय तथा मौलिक हकों के साथ-साथ आर्थिक और राजनैतिक हकों एवं भागीदारी के लिए भी आंदोलन किया, जिसके कारण स्वतंत्र भारत के संविधान में संवैधानिक रूप से अधिकार…
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वो जो गया, आम लोगों का बेजोड़ दोस्त था.…
कुमार सुंदरम
प्रफुल्ल जी के लिए ऐसे अचानक श्रद्धांजलि लिखनी पड़ेगी, कभी सोचा न था. मैं 1990 के शुरुआती वर्षों में…
रोमा मलिक और अन्य आदिवासी नेताओं के विरुद्ध गिरफ्तारी के विरोध में प्रेस वार्ता
3 जुलाई 2015 को इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प में भूमि अधिकार आंदोलन द्वारा जन कार्यकर्ता रोमा मलिक, आदिवासी नेता…
प्रफुल जी की याद में………………….
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना
तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते................
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वनाधिकार, भूमि एवं श्रम अधिकार के सवाल पर विशाल जनविरोध प्रदर्शन; 30 जून 2015
वनाधिकार, भूमि एवं श्रम अधिकार के सवाल पर
विशाल जनविरोध प्रदर्शन
30 जून 2015
हाईडिल मैदान, राबर्ट्सगंज…
जनपक्षधर पत्रकार को संघर्ष संवाद की श्रद्धांजलि : अंतिम संस्कार कल दिल्ली में !
प्रख्यात जनपक्षधर पत्रकार, बुद्धिजीवी और परमाणु बमों तथा अणु-ऊर्जा के खिलाफ में लगातार आवाज़ बुलंद करने वाले…
आपातकाल : भारत की आत्मा पर स्थायी दाग
भारत में आंतरिक आपातकाल की घोषणा को 26 जून को 40 वर्ष हो जाएंगे। चार दशक पश्चात भी भारत की आत्मा से वह दाग धुल नहीं पाया है। वर्तमान पीढ़ी की इस संघर्ष को लेकर बनी अनभिज्ञता वास्तव में चाैंकाने वाली है। भारत के अनेक राज्यों और केंद्र सरकार के ढ़ेर सारे निर्णय व्यक्ति व समुदाय की स्वतंत्रता को बाधित करने हेतु प्रयासरत है। आपातकाल पर…
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