संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

देश से विदा लेते प्रधानमंत्री का फतेहाबाद में परमाणु विनाश को न्यौता

मनमोहन सिंह वापस जाओ! फतेहाबाद का विनाश बंद करो !! जनहित से जुड़े हर मोर्चे पर असफल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के आख़िरी दिनों में फतेहाबाद के गोरखपुर में परमाणु संयंत्र की आधारशिला रखने 13 जनवरी 2014 को जा रहे हैं. महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के साथ परमाणु संयंत्र उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं ये उन्होंने हाल में खुद कहा है.…
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कूडनकुलम सम्मेलन : परमाणु विरोधी आंदोलन की आवाज़ बुलंद

तमिलनाडु के कूडनकुलम में 4-5 जनवरी 2014 को देश भर के परमाणु संयंत्र विरोधी कार्यकर्ता ओर लोकतांत्रिक समाजकर्मी…

केदारघाटी आपदा पीड़ित: अभी भी पुनर्वास के इंतजार में !

उत्तराखंड के केदारघाटी में पिछले साल आयी त्रासदी में विस्थापित हुये लोग अभी भी इस भयानक ठंड में टेंटों में रात गुजार रहे है. त्रासदी में बेघर हुए लोगों का अभी तक पुनर्वास नहीं हो पाया है जो लोग आपदा पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे उन पर सरकार-प्रशासन की मिलीभगत से हमले किये जा रहे हैं. 31दिसंबर 2013 को साल की अंतिम रात…
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मुलताई गोली कांड की 16वीं बरसी: 12 जनवरी को शहीद किसान स्मृति सम्मेलन

12 जनवरी 1998 को मुलताई में किसानों के ऊपर हुए गोलीकांड में 24 किसान मारे गए थे. 12 जनवरी को उस घटना के…

आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे : भीषण सर्दी में किसान अनशन पर

उत्तर प्रदेश के कनौज जिले के फगुहा गांव के हिमनापुर मोड़ पर एक्सप्रेस वे के लिए जमीन न देने की जिद पर किसान…

किस्सा-ए -रिफाइनरी इन राजस्थान: अभिषेक श्रीवास्तव

संघर्ष संवाद के पाठकों से हम चुनावी बरसात की आस में राजस्थान के बाड़मेर में रिफाइनरी को लेकर चली धींगामुश्ती का हाल दो किश्तों में साझा कर चुके हैं. प्रस्तुत है लोकतंत्र और समाज की बुनावट की पड़ताल करती इस रिपोर्ट की तीसरी और आख़िरी क़िस्त। पहली और दूसरी क़िस्त भी पढ़ें बालोतरा यहां से करीब 15 किलोमीटर रह जाता है। हम हाइवे पर बालोतरा की…
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राजस्थान : रिफाइनरी के खिलाफ़ जन-प्रतिरोध और चुनावी फ़रेब

स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने बाड़मेर में रिफाइनरी परियोजना पर चल रही रस्साकशी का जायजा लेने के लिए…

राजस्थानः चुनावी साजिशों की ‘रिफाइनरी’

स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने बाड़मेर में रिफाइनरी परियोजना पर चल रही रस्साकशी का जायजा लेने के लिए…

भोपाल गैस त्रासदी की 29वीं बरसी: जन प्रतिरोध बनाम कारपोरेट दमन

भोपाल गैस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 29 वर्षों में बढ़कर न जाने कितनी हो गई है. इंसाफ़ आख़िर कब मिलेगा ! आज 3 दिसम्बर को भोपाल गैस त्रासदी को 29 साल हो रहे हैं. 3 दिसम्बर 1984 भारतीय इतिहास का बहुत ही दुखद दिन है – जब भोपाल दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिकीय त्रासदी का साक्षी बना जिसमें तक़रीबन 20,000 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग घायल…
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