संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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महिला आंदोलन

दिल्ली : 12 दिन से दिल्ली सचिवालय के बाहर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी

आज दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में हज़ारों की तादाद में आँगनवाड़ीकर्मियों ने दिल्ली के विकास भवन के पास अपनी जायज़ माँगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल के 12वें दिन की सफ़लतापूर्वक शुरुआत की। प्रशासन की तमाम रूकावटों के बावजूद महिलाओं ने डटकर अपनी एकजुटता के दम पर हड़ताल को आयोजित किया। ज्ञात हो कि 7 सितम्बर…
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महिलाएं ही नर्मदा आंदोलन की धुरी : नर्मदा महिला सम्मेलन

सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित डूब प्रभावित गांवों की महिलाओं द्वारा एकत्रित होकर बड़वानी स्थित अर्जुन कारंज भवन…

पत्थरगढ़ी को निशाना बनाने के लिए हथियार बनाया गया पांच महिलाओं के बलात्कार का…

झारखण्ड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव में पिछले दिनों मानव तस्करी के ख़िलाफ़ नुक्कड़ नाटक करने गईं पांच युवतियों को…

महिला हिंसा एवं साम्प्रदायिकता के विरोध में प्रदर्शन

26 अप्रैल 2015 को प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र ने साम्प्रदायिकता व नारी उत्पीड़न के विरोध में जंतर-मंतर, दिल्ली पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, फरीदाबाद के सदस्य-कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। प्रमएके की अध्यक्ष शीला शर्मा ने कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।…
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मानवाधिकारों के लिए मेहनतकश महिलाओं का धरना

राजस्थान के जयपुर शहर में गुजरी 10 दिसम्बर को घरेलू कामगार महिलाओं ने दूसरों के घरों में ‘सहायक’ के तौर पर काम करने…

सबसे ज्यादा काम, सबसे कम दाम और सबसे कम सुरक्षा ये है महिला कामगारों की स्थिति : कविता कृष्णन

‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'श्रमेव जयते' नारे का पर्याय है- श्रम का सम्मान नहीं, श्रम की पहचान नहीं। दरअसल मोदी का 'मेक इन इण्डिया' और 'श्रमेव जयते' श्रम कानूनों को कमजोर करके श्रम के शोषण के लिये ताले खोलने का अभियान है जिससे काॅरपोरेट मनमाने तरीके से श्रम की लूट कर सकें। 'अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन' (एपवा) की राष्ट्रीय सचिव कविता…
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महिला दिवस पर आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा आरंभ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुम्बई के आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा का आरंभ हुआ। दिल्ली मुंबई औद्योगिक…

सामूहिक बलात्कार कांड : सियासी हम्माम में सब नंगे

दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार कांड को लेकर उठे शोर के बीच राष्ट्रपति के सांसद बेटे माननीय अभिजीत मुखर्जी का बेशर्म बयान आया। हालांकि उन्होंने इसकी माफ़ी मांग ली लेकिन कहते हैं कि बंदूक से निकली गोली और ज़ुबान से निकले शब्द वापस नहीं लिये जा सकते। सवाल उठता है कि निकले ही कैसे? ; तो अभिजीत मुखर्जी ने अपने कहे की माफ़ी मांग ली।…
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