संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

उड़ीसा : वेदांता-विरोधी आंदोलन का हौसला पस्त करने के लिए हुई कुनी सिकाका की अवैध गिरफ्तारी

उड़ीसा, नियामगिरी, 3 मई 2017; पुलिस ने कुनी सिकाका को जन-दबाव के चलते छोड़ दिया है, लेकिन इस शर्त के साथ किवह अपने पति जगिली पुसिका और ससुर डोडी पुसिका (नियमगिरि सुरक्षा समिति के नेता) और एक अन्य कार्यकर्ता गोराटा के बारे में यह बयान दे किवे माओवादी गुरिल्ला हैं और वे पुलिस के सामने समर्पण करें. यह भी लगता है कि पुलिस ने हमारे नेता डोडी पुसिका को इस बात के लिए भी ब्लैकमेल किया कि वे वेदांता-विरोधी आंदोलन से पीछे हट जाएं. ऐसा करने के लिए ही पुलिस ने कुनी सिक्का की गिरफ्तारी का नाटक किया था. जिन आरोपों में कुनी सिकाका को पुलिस ने गरफ्तार किया था, ठीक वैसे ही मामले बनाकर नियमगिरि आंदोलन के अन्य प्रमुख नेताओं जैसे दसरू, बाको, सैबो वगैरह कोजेल में डाला जा चुका है. इस पूरे प्रकरण में हमारे नेता और उनके परिवार को अपराधियों की तरह मीडिया के सामने ला कर पुलिस ने कई कानूनी उल्लंघन किए हैं. ये लादो सिकाका और दोदी पुसिका जैसे हमारे नेताओं के नैतिक हौसले को पस्त करने के लिए की गयी सोची-समझी कारवाई है. स्थानीय एसपी ने पहले भी आंदोलन को तोड़ने और उसका आत्मविश्वास छीनने के लिए ऐसे घिनौने हथकंडे अपनाए हैं. भुवनेश्वर में बैठे नवीन पटनायक सरीखे नेताओं का वरदहस्त इस जनविरोधी एसपी को हासिल है, और उनकी चुप्पी इन बर्बर कारवाईयों के पीछे शामिल है, जिसका मकसद वेदांता कंपनी को स्थापित करना है.

 

 

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