संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

लॉकडाउन में सरकारों की उपेक्षा से मरते लोग; विरोध में राष्ट्रीय शोक दिवस का आहवाहन- 1 जून, 2020

29 मई 2020, जयपुर. पिछले 2 महीनों से पूरे देश में लागू किये गए लॉकडाउन ने देश भर के लोगों को खासकर गरीब, बेघर, हाशिये पर खडे लोगों के साथ ही साथ अपने घरों  को लौट रहे मजदूरों को अभूतपूर्भूव संकट में डाला है. हर दिन सरकारों की उपेक्षा चलते  114 लोग मर  चुके  है. सरकारें बेशर्मी के साथ इन लोगों के साथ पेश आ रही है. रोजी-रोटी अधिकार अभियान राजस्थान व एस.आर. अभियान राजस्थान 1 जून 2020 को राष्ट्रीय शोक दिवस का आव्हान करता है. पढ़िए रोजी-रोटी अधिकार अभियान राजस्थान व एस.आर. अभियान राजस्थान की अपील;

पिछले 2 महीनों से पूरे देश में लागू किये गए लॉकडाउन ने देश भर के लोगों को खासकर की गरीब, बेघर, हाशिये पर खडे लोगों को एवं प्रवासी मजदूरों को अभूतपूर्भूव संकट में डाला है. 22 मई तक देश में कुल 667 मौतें हुई हैं जिनका कारण कोविड संक्रमण नहीं है बल्कि सड़क दुर्घटना (205 मौतें), भूख और लॉकडाउन (114 मौतें) के चलते हुई पीड़ा है. इसके अलावा हमे पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान द्वारा आई प्राकृतिक आपदा को नहीं भूलना चाहिए, इस तूफ़ान ने लोगों पर दोहरी मार डाली है परन्तु इस पर केंद्रीय सरकार की प्रतिक्रिया बहुत ही निर्दयी है. ऐसी परिस्थिति में शोक सिर्फ लोगों की मौत एवं उनकी आजीविका और आकांक्षाओं के दमन का नहीं है बल्कि यह एक तरीका है सरकार को आइना दिखाने का, जवाबदेही तय करने का, सवाल पूछने का और लोगों की परेशानियों पर बेरहम प्रतिक्रिया पर जवाब मांगने का . हम आहवाहन करते हैं की 1 जून 2020 को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाये.

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