संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
.

गंगा एक्सप्रेस-वे विरोधी आन्दोलन

सड़क चौड़ीकरण किसके हित में: कम्पनी या किसानों के ?

इस समय पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के चौंड़ीकरण का कार्य जोरशोर से चल रहा है। 2 लेन को 4 लेन, 4 लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन का बनाया जा रहा है। साथ ही साथ राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे बसे शहरों और बाजारों के बाहर से बाईपास भी बनाया जा रहा है। बाजारों के बाहर से बनने वाले बाईपास के किनारे की जमीनों का अधिग्रहण करके उसे कारपोरेट…
और पढ़े...

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से जे.पी. कंपनी ने हाथ खींचे

उ. प्र. विधानसभा चुनाव 2012 की अधिघोषणा जारी होने के बाद चुनाव होने से पहले गंगा एक्सप्रेस-वे की विकासकर्ता कम्पनी…

‘गंगा एक्सप्रैस वे’ एवं ‘भूमि अधिग्रहण’ के खिलाफ 30 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक ‘किसान…

उ. प्र. के किसानों ने अपनी जीविका, कृषि, भूमि की रक्षा के लिए जारी अपने संघर्ष को तेज करते हुए ‘गंगा एक्सप्रेस…

सरकार एवं जे0 पी0 कम्पनी के खिलाफ ‘आवाज उठाओगे तो भुगतोगे’

कानून का मखौल इस तरह उड़ाया जा रहा है कि लगता ही नहीं कि यहां कानून का राज कायम है। कहने को तो तमाम अधिकार लोगों को दिये गये हैं परंतु जब इनका उपयोग आप शासन-प्रशासन या कारपोरेट घरानों की मनमर्जी के खिलाफ करने के लिए आगे बढ़ते हैं तब समझ में आता है कि हम ‘लोकतंत्र’ में नहीं बल्कि ‘कारपोरेट तन्त्र’ में जीवित रहने को विवश किये जा रहे हैं और हमारी…
और पढ़े...

गंगा एक्सप्रेस-वे तथा भूमि अधिग्रहण का विरोध तेज़ : किसान करेंगे बलिया से नोएडा तक…

20 अगस्त 2011 को इलाहाबाद में एक बैठक हुई जिसमें उ. प्र. में गंगा एक्सप्रेस-वे और अन्य परियोजनाओं के लिये हो रहे…

पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे के ख़िलाफ़ बढ़ता जनाक्रोश

केवल उत्तर प्रदेश में ही गंगा एक्सप्रेस-वे के पहले चरण के कारण घट जाएगा हजारों एकड़ कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का रकबा तथा प्रतिवर्ष 50 लाख कुंतल अनाज का उत्पादन   गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के ख़िलाफ़ कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों ने जनवरी, फरवरी माह में विभिन्न गतिविधियां कीं। मोर्चा के बैनर तले नोएडा से…
और पढ़े...