संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
.

छत्तीसगढ़

वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी 23 अगस्त से अनिश्चितकालीन क्रमिक अऩशन पर

आदिवासियों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय की भूल सुधार के रूप में बने वनाधिकार कानून का प्रत्यक्ष उल्लंघन अगर कहीं दिख रहा है तो वह आदिवासी क्षेत्रों में ही दिख रहा है। जिन संसाधनों पर आदिवासी समुदाय का कब्जा होना चाहिए था उन्हें बड़ी ही बेशर्मी के साथ अडानी और अंबानी जैसे उद्योपतियों के हवाले किया जा रहा है। वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्यवयन के…
और पढ़े...