संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

झारखण्ड : 200 किमी पैदल मार्च कर राजभवन पहुंचे नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के प्रभावित आदिवासी

रांची 25 अप्रेल 2022: गुमला-लातेहार टुटूवापानी से करीब 200 किलोमीटर का पैदल मार्च करके नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के प्रभावित ग्रामीण आज राजभवन पहुंचे. राजभवन पहुंचने के बाद राज भवन के निकट तरह प्रभावित ग्रामीण धरने पर बैठे और प्रदर्शन किया. बाद में एक ज्ञापन राज्यपाल को केंद्र के नाम से सौंपा गया जिसमें फिल्ड फायरिंग रेंज परियोजना की अधिसूचना रद करने की मांग की गयी. राज्यपाल से मिलने वालों में नेतरहाट संघर्ष मोर्चा के सचिव जेरोम जोराल्ड कुजूर, रतन तिर्की, विधायक विनोद सिंह, विधायक रामचंद्र, दयामनी बारला सहित कई उपस्थित थे.

245 गांव के ढ़ाई लाख लोग होंगे प्रभावित, आदिम जाति हो जाएंगे लुप्त

राज्यपाल को बताया गया कि 28 साल से वहां आंदोलन चल रहा है. नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज, टुडरमा डैम तथा पलामू टाइगर प्रोजेक्ट से 245 गांव प्रभावित होंगे. करीब ढ़ाई लाख लोग प्रभावित होंगे. आदिम जनजाति जिसे बचाने के लिए केंद्र सरकार कई प्रकार की नीतियां बना रही हैं. मगर वहीं दूसरी ओर इस तरह की परियोजना से आदिम जनजाति लुप्त ही हो जाएंगे. राज्यपाल को बताया गया कि 1964 से लेकर 1994 तक तक फायरिंग अभ्यास के दौरान के अनुभव बहुत कड़वा रहा है. एक सर्वे कराय गया जिसमें सैनिकों के सामुहिक बलात्कार से दो महिला मारी गयीं. सैनिकों द्वारा 28 महिलाओं का रेफ किया गया. तोपाभ्यास दौरान गोला विस्फोट से 30 लोग मारे गए. गोला विस्फोट से अपंग की संख्या 3 है. यह परियोजना वहां के आदिवासी-ग्रामीणों के लिए डेथ वारंट जैसा है. इसलिए तत्काल इस परियोजना को रद किया जाए.

21 अप्रैल को लातेहार के टुटूवापानी से शुरू हुई थी पैदल यात्रा, आज पहुंची राजभवन

21 अप्रैल को गुमला लातेहार के टुटूवापानी से यह पैदल मार्च शुरू हुई जो बनारी, आदर, घाघरा, टोटांबी, गुमला, नागफेनी, रोशनपुर, भरनो, बेड़ो, पतराचोली, रिंग रोड होते हुए आज राजभवन के निकट पहुंचा. 97 वर्षीय हरिया बैग भी हुए पैदल मार्च में शामिल पैदल मार्च करते हुए रांची पहुंचे. उनसे पुछा गया कि आखिर क्यों आप इस उम्र में पैदल चलकर रांची आए तो कहा कि आने वाले पीढ़ी का भविष्य बचाने के लिए वे पैदल चलकर यहां पहुंचे हैं.

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