बांध बनाया, गांव डुबोया : पानी कंपनियों के हिस्से और 35000 विस्थापित आज भी बेघर
मध्य प्रदेश के सरदार सरोवर बांध से करीबन 35000 प्रभावित परिवार आज भी डूब क्षेत्र में बसे हुए है| इनके अलावा पुनर्वास स्थल पर मकान बना चुके कुछ हज़ार परिवार भी वहाँ पानी, निकास,रास्तों तक की,चरनोई की,समतलीकरण की सुविधा न होने पर मूल गाँव से स्थलान्तर नहीं कर सके है,न हि कर सकते है|इनमें से 15946 परिवारों का भविष्य उन्हेआधे अधूरे लाभ देकर उनके मकान NVDA के नाम चढ़ाकर, लेकिन अवैज्ञानिक, गैरकानूनी पद्धति से बैक वॉटर लेवल कम दिखाकर,‘डूब से बाहर’ बताकर, शासनकर्ताओं ने टंगा रखा है|आज भी 8.2.2017 का, तथा 18.10.2000 और 15.3.2005 के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पूर्ण पालन नहीं हुआ है|
इस स्थिति में सैकड़ों विस्थापित, कोई लाभ न पाते हुए और हजारों, अधूरे लाभ पाकर अपने सम्पूर्ण कानूनी व संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्षरत है| आज बड़वानीमे कुछ हजार विस्थापित महिला, पुरुष एकत्रित होकर, रैली और सभा के द्वारा शिवराज सिंह की सरकार को कड़ी चुनौती दे रहे है|
आज दोपहर 12 बजे से बड़वानीकरंजा चौराहे से रैली शुरू की गई बड़वानी शहर के एमजी,झण्डा चौक, पुराने कलेक्टर कार्यालय मे नुक्कड़ सभा, फिर करंजा चौराहे से होते हुये एनवीडीए कार्यालय रैली पहुची| बारिश होते हुए भी अपने अधिकारों व हक़ के लिए इस रैली मे हजारों विस्थापित शामिल हुए|
दोपहर 1 बजे एनवीडीए कार्यालय के श्री अशोक जाधव जी के समक्ष बड़वानी जिले के 65 गाँव से अधिक प्रभावित विस्थापितों के द्वारा हर गाँववार के द्वारा स्थिति की हकीकत रखी गई, माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार हजारो परिवारों को 5.80 लाख रुपये मिलना बाकी है|
माननीय मुख्यमंत्री जी हर बार भोपाल से घोषणाएँ करते हे जो धरातल पर उतरती नहीं है, मुख्यमंत्री जी ने कहा था की हर पुनर्वास स्थल को स्मार्टविलेज बनाया जाएगा, जो आज तक पूरा काम नहीं हुआ है|
साथ ही ‘नर्मदा और किसानी बचाओ जंग’ के दौरान हर खेती उपज के, अनाज, सब्जी, फल, दूध,मछली जैसे हर प्राकृतिक उपज के सही दाम और सम्पूर्ण कर्जमुक्ति की मांग उठाने वाले किसान मोदी शासन से अभी-अभी घोषित हुए, मात्र खरीफ याने बारिश की फसलों के दाम नामंजूर कर रहे है| आज ही संसद के बाहर ‘किसान अविश्वास प्रस्ताव’ पारित करने के लिए जुटे हजारो पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश के साथ महाराष्ट्र, राजस्थान,तमिलनाडू कर्नाटक आदि सभी राज्यों के किसानों के साथ नर्मदा घाटी की महिला किसान व किसान मजदूर भाई भी शामिल हो रहे है|
बलराम यादव, कैलाश यादव,हरेसिंह दरबार, कमला यादव,रामेश्वरसोलंकी, राहुल यादव,गेंदलाल भाई, मदन अलावे, अशोक कहार