नर्मदा बांध विस्थापित :192 गाँवों के कानूनी पुनर्वास की माँग को लेकर तीन जिलों में एक साथ क्रमिक अनशन शुरु
मध्य प्रदेश 05 अगस्त 2018। सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित मध्यप्रदेश राज्य के 192 गांव व एक नगर प्रभावित हो रहे है, इसका कोई भी कानूनी पुनर्वास नहीं हुआ है। आज तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के द्वारा नर्मदा ट्रिब्यूनल फैसले, सर्वोच्च अदालत फैसले 2000,2005,2017, मध्यप्रदेश राज्य की पुनर्वास नीति मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा व मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा घाटी विकास विभाग भोपाल 05 जून 2017 से 18 जुलाई 2018 के आदेशों का पालन नहीं किया गया है, इन आदेशों का उल्लघंन भी किया जा रहा है।
अवल्दा में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन स्थल पर एकत्रित कर चैपाल पर बैठकर सर्वसहमति से यह निर्णय किया गया कि अपने हक अधिकार व हमारे गांव की कृषि भूमि व मकान डूब से प्रभावित हुए है उनका पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिलने से और जीआरए के आदेशों व सुप्रीम कोर्ट के फैसले व उच्च न्यायालय के फैसलों की अवमानना करने व उनका प्रतिपालन नहीं करने व 2000,2005,2017 के फैसलों को और 05 जून 2017 से 19 जुलाई 2018 तक के आदेशों के अनुसार आज तक पुनर्वास करके नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के द्वारा नहीं दिया गया है।
सेगांव में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन स्थल पर एकत्रित कर बैठक सर्वसहमति से यह निर्णय किया गया कि धरणा प्रदर्शन के प्रथम दिन ग्राम के गणमान्य व्यक्तियों महिलाओं ने बढचडकर हिस्सा लिया गया, तथा सरदार सरोवर बांध के विस्थापित के सम्बधित कई समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया जिनकी का निराकरण व प्रबंधन सम्बधी आगे की रूपरेखा बनाने पर चर्चा व प्रदर्शन की चर्चा की गईः- कैलाश पूनमचन्द्र जाट द्वारा बताया गया की पुनर्वास स्थल पर बुनिवादी सुविधाएं ना मात्र भी नहीं है। घर प्लाॅट विकसित करके देना था जो नहीं दिया गया अब घर प्लाॅट के लेवलींग भरावा पर 3 लाख के लभ्गभग खर्च हो रहा है। तो घर कैसे बनाया जावे हम लोग कर्ज में डूब गये मेरे मकान बनाने की सामग्री के लाखों रू. दुकानदार का बकाया है।
बगुद में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन स्थल पर माॅ नर्मदा की पूजा पाठ से शुरू कर पूरे गांव की स्थिति का जायजा बताया गया हैं कि आज भी हमारे गांव का कानूनी पुनर्वास नहीं हुआ है।
पिपलूद में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन स्थल पर माॅ नर्मदा की पूजा पाठ आरती कर शुरू कर पूरे गांव की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है, की आज भी हमारे गांव का कानूनी पुनर्वास आज तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के द्वारा नहीं किया गया हैं।
पिछोडी में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन स्थल पर एकत्रित कर बैठक सर्वसहमति से यह निर्णय किया गया कि हमारे गांव की एक पुनर्वास स्थल बनाया जाये, जो 7 जगह अलग अगल पुनर्वास स्थलों पर दिया गया है, जब तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के द्वारा जब तक नहीं किया जायेगा हमारे मूलगांव को नहीं छोडेगे।
राजघाट में 05 अगस्त 2018 क्रमिक अनशन बैठक कर कहा गया कि हमारे गांव में 5.80 लाख रू. आज भी 66 परिवारों को मिलना बाकी है, घर प्लाॅट मिलना बाकी है, आजीविका का साधन, पुनर्वास अनुदान, परिवहन अनुदान इत्यादि मिलना बाकी है, पहले नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण उपलब्ध करके दे उसके बाद ही हम मूलगांव छोडकर जायेगे।
राहुल यादव महेश मालवीया पेमा भीलाला बच्चुराम भीलाला हुकुम जाट, हरेसिंग दबार, जयदीप दरबार, पवन यादव