संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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दिल्ली

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर!

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी अपनी जायज़ माँगों को लेकर पिछले 15 दिनों से लगातार संघर्षरत हैं। मालूम हो कि केन्द्र…

दिल्ली : 12 दिन से दिल्ली सचिवालय के बाहर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी

आज दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में हज़ारों की तादाद में आँगनवाड़ीकर्मियों ने…

वन्य जीव संरक्षण संशोधन अधिनियम, 2021: किसकी सुरक्षा? किसका संरक्षण ? किसका प्रबंधन?

वन्य जीव संरक्षण कानून, 1972 में संशोधन के लिए 17 दिसंबर 2021 को लोकसभा में एक अधिनियम पेश किया गया है, क्या हैं इसके मायने
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संघर्ष का टेम्पलेट जो किसान आंदोलन ने दिया है

संयुक्त किसान मोर्चा ने 378 दिन के बाद अपने आंदोलन को स्थगित करते हुए कहा कि ‘लड़ाई जीत ली गई है, लेकिन किसानों के…

किसान आंदोलन के पूरे 13 महीने का ब्योरा : कब, कहाँ, क्या हुआ

‘378’... ये महज़ एक संख्या नहीं बल्कि वो दिन और राते हैं, जो हमारे देश के अन्नदाताओं ने दिल्ली की सड़कों पर गुज़ारी…

किसानों को न्याय दिलाने का ऐतिहासिक आंदोलन के 11 माह पूरे : दशा और दिशा

यूं तो भारत में किसान आंदोलन का इतिहास आजादी के आंदोलन से साथ जुड़ा हुआ है। आजादी के बाद भी किसान आंदोलन लगातार चलते ही रहे हैं लेकिन पिछले वर्ष 26 नवंबर 2020 से शुरू होकर 26 अक्टूबर 2021 को 11 माह पूरे करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के वर्तमान आंदोलन ने देश में ही नहीं दुनिया में एक नया इतिहास रचा है। इसे दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा आंदोलन माना…
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वन संरक्षण कानून 1980 में प्रस्तावित संशोधन जंगल को कॉरपोरेट्स के हाथों बेचने की…

नई दिल्ली : 2014 में एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण अधिनियम का विरोध करने के लिए शुरू किए गए भूमि…

कृषि बिल के खिलाफ किसानों ने किया मई के पहले सप्ताह में संसद कूच का ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 मार्च 2021 को अपना बयान जारी करते हुए कहा कि “लंबे समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे…

कृषि-संकट मानवता का संकट है, वक़्त आ गया है कि देश भर के वंचित अब संसद घेर लें!

पी साईंनाथ का यह आलेख पीप्लस आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया  पर 22 जून 2018 पोस्ट किया गया  था जो आज भी प्रासंगीक है. भारत का कृषि संकट अब खेती-किसानी के पार जा चुका है. अब यह समाज का संकट बन चुका है. संभव है कि यह सभ्‍यता का संकट हो जहां इस धरती पर छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों का सबसे बड़ा समूह अपनी आजीविका को बचाने की जंग लड़ रहा हो. कृषि संकट अब…
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