संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

झारखण्ड : सात दिन से अनशन पर इंचागड के आदिवासी

-सुनील हेम्ब्रम झारखण्ड 27 फरवरी 2019. तालाब निर्माण में हो रही गड़बड़ी और अनियमितता के खिलाफ इंचागड विधानसभा अंतर्गत कुकडु प्रखंड के जयराम महतो एवं उनके साथ अन्य 10 साथी पिछले 21/2/2019 से कृषि कार्यलय ऑफिस, जमशेदपुर (झारखण्ड) के समक्ष अनशन पर बैठे हैं. उनके संघर्ष को हूल जोहार करने के 26 फरवरी को उनके समक्ष गए थे. अनशन कर रहे जयराम महतो का…
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मजदूर अधिकार संघर्ष रैली : रामलीला मैदान से संसद मार्ग, 3 मार्च 2019

बहनो, साथियो! जिस दिन का हम सब बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे वह दिन आ गया है। आनेवाली 3 मार्च को दिल्ली के…

भारत के आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ…

साथियों, सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को एक ऐसा आदेश जारी किया है जो संभवतः आजाद भारत के इतिहास में आदिवासियों के…

आदिवासियों के साथ ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करते करते अन्याय को स्थाई कर दिया सर्वोच्च न्यायालय ने

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदिवासियों को वन भूमि से हटाने के दिए गए निर्देश ने संविधान और संवैधानिक मूल्यों के प्रश्न को राष्ट्रीय पटल पर लाकर खड़ा कर दिया गया। आदिवासियों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करने के लिए 2006 में बनाए गए वनाधिकार अधिनियम को पूरी तरह से ताक पर रखते हुए आज लाखों लाख आदिवासियों को विस्थापन के कगार पर लाकर…
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नेशन फॉर फार्मर्स : कृषि संकट पर संसद में विशेष सत्र की माँग के लिए राष्ट्रीय…

कृषि संकट पर संसद में विशेष सत्र की माँग के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन 1 से 3 मार्च, 2019 इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई…

झारखण्ड में विपक्षी गठबंधन में जन आंदोलनों की हिस्सेदारी से ही भाजपा और आरएसएस को…

24 फ़रवरी 2019। झारखण्ड की राजधानी रांची के लोयोला सभागार में जन आंदोलन के संयुक्त मोर्चा ने लोकसभा चुनाव 2019 मे…

पांचवां दिन : जल-जंगल-जमीन के अधिकार के लिए सड़क पर उतरे आदिवासी, हजारीबाग से रांची तक करेंगे मार्च

24 फ़रवरी 2019 झारखण्ड के हजारीबाग से लगभग 10 हजार आदिवासियों  का मार्च आज काजू घाटी से गुजर चुका हैं. ये वो घाटी है जहाँ कभी काजू के जंगल आबाद होते थे, लेकिन अब वो विकास नामक कब्र में दफ़न हो चुके हैं. मार्च का आज पांचवां दिन है. मगर ज़मीन पर अपना हक मांगने वाली इन आवाज़ों को अब भी हुक़ूमत अनसुनी कर रही है... लोगों के पांव में छाले और घाव हो चुके हैं…
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छत्तीसगढ़ : सवैधानिक हकों और वन संसाधनों पर अधिकारों के लिए ग्राम सभाओं की एकजुटता

24 फरवरी 2019। छत्तीसगढ़ के  कोरबा ज़िले के ग्राम मोरगा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 फरवरी को देश के लाखों आदिवासियों…

माई लॉर्ड : जंगल नहीं छोड़ेंगे आदिवासी, प्रतिरोध की तैयारी

-पूजा सिंह रायपुर/भोपाल. देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद देश भर के जंगलों में सैकड़ों सालों से रहने वाले…

मोदी सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के सामने पैदा हुआ अस्तित्व का संकट

केन्द्र की उदासीनता से आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा-रनसिंह परमार केन्द्र की उपेक्षा के कारण आदिवासियों के आवासीय और आजीविका के अधिकार पर प्रश्न ग्वालियर। केन्द्र सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के समक्ष आवास और आजीविका का खतरा पैदा हो गया है। उक्त बात एकता परिषद के अध्यक्ष रन सिंह परमार ने ग्वालियर में आयोजित भूमि अधिकार की…
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