संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

पुलिस दमन के विरोध और जंगल जमीन पर हक के लिए नियमगिरि आदिवासियों का प्रदर्शन

उड़ीसा के नियमगिरि, तीज माली पर्वत, खंडवाल माली पर्वत इलाकों में बढ़ते पुलिस दमन और खनन के प्रभाव ने पर्वत पर निवास कर रहे आदिवासियों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इन क्षेत्रों के आदिवासियों को खनन के लिए उन्हें उनके घरों से विस्थापित किया जा रहा है। विरोध करने पर उन्हें पुलिस के क्रूर दमन का शिकार होना पड़ता है। ओड़िशा के भवानीपटना जिले में नियामगिरी पर्वत, तीज माली पर्वत, खंडवाल माली पर्वत पर प्रस्तावित खनन तथा पुलिस दमन के खिलाफ स्थानीय आदिवासियों ने 19 दिसंबर को जन प्रदर्शन किया। हम यहां पर आपके साथ प्रदर्शन के दौरान जिला कलेक्टर के जरिए राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन साझा कर रहे है;

प्रति,

राज्यपाल
ओडिशा सरकार
भुबनेश्वर, ओडिशा

द्वारा ; जिलाधिकारी कालाहांडी, ओडिशा

विषय : प्राकृतिक संसाधनों की लूट एवं स्थानीय लोगों के मोलिक अधिकारों के हनन के संबंध.

मोहदय,

मौजूदा बाजारवाद, पूंजीवाद और साम्राज्यवाद पर आधारित नवउदारवादी आर्थिक विकास के ढांचे के चलते आम मेहनतकश आदमी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. कालाहांडी के लोग शत प्रतिशत बेघर, बेराजगार, बेसाहय लुटाने वाले है. 80 प्रतिशत घरों को अतिक्रमण मान कर प्रशासन घर तौड़ रहा है. वसुंधरा अधिनियम के तहत घर का अधिकार योजना कागज में सिमिट कर रह गई है. खेद की बात है कि कानूनों की अवहेलना कर गरीबों को उजाड़ा जा रहा है.

दूसरी तरफ नियमगिरि, तीज माली पर्वत, खंडवाल माली पर्वत पर निवास कर रहे आदिवासियों को पुलिस द्वारा दमन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. कानूनों का दुरुपयोग कर पुलिस कपंनियों के दलालों से मिलकर लोगों को जेल में डालने का काम कर रही है. जिसके चलते आम आदमी हताश और निराश जिन्दगी जीने को मजबूर हो गया है.

इसलिए कालाहांडी सचेतन नगरिक मंच निम्न बिन्दुओं को आपके संज्ञान में प्रस्तुत करती है ताकि लोगों के साथ न्याय हो सके-

  • सविधान की 5वीं अनुसूची और पेसा कानून का को सक्ती से लागू किया जाय.
  • आदिवासियों के मौलिक अधिकार और प्राकृतिक परिवेश को सुरक्षा दी जाय.
  • नियामगिरी, तीज माली पर्वत, खंडवाल माली पर्वत, कुटू माली पर्वत और माजेंमाली पर्वत की खनन से जुड़े एम.ओ.यू. तत्कात रद्द किए जाय.
  • क्रय कटिंग रिपोर्ट के अनुसार किसानों को फसल बीमा का तुरंत भुगतान दिया जाय.
  • भूमिहीनों को वसुंधरा अधिनियम के तहत घरों का पट्टा दिया जाय.
  • वनाधिकार कानून के तहत समुदायक हक़ के पट्टे दिए जाय.
  • 2005 से लेकर अब तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भवानीपटना शहर में जितने भी घर, दुकान तोड़ी गई है उन सभी को
  • निधारित वेंडिग जॉन में बिना शर्त घर-दुकान उपलब्ध करवाया जाय.
  • 1956 के आबकारी कानून के तहत पुरे कालाहांडी जिले को नशा मुक्त घोषित किया जाय.
  • सीलिंग एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाय.
  • स्थानीय लोगों की सहमति के बिना कोई भी एम.ओ.यू. हस्ताक्षर नहीं किया जाय.

भवदीय
कालाहांडी सचेतन नगरिक मंच, भवानी पटना, कालाहांडी (ओडिशा)

 

 

इसको भी देख सकते है