संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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वनाधिकार

लघु वन उत्पादों से बेदखल होते आदिवासी

अपने तरह-तरह के जैविक, सामाजिक और प्राकृतिक उपयोगों के आलावा आजकल जंगल व्यापार-धंधे में भी भारी मुनाफा कूटने के काम आ रहे हैं। इसमें सेठों, सरकारों की बढ़-चढ़कर भागीदारी हो रही है। कैसे किया जाता है, यह कारनामा? और क्या होते हैं, इसके नतीजे? प्रस्तुत है, इसी विषय पर प्रकाश डालता राज कुमार सिन्हा का यह लेख; देश के 625 जिलों में से 190 जिलों में…
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संसद द्वारा एकमत से पारित वनाधिकार कानून के बाद भी आदिवासियों, वनाश्रितों के साथ…

2006 में देश की संसद द्वारा ऐतिहासिक अन्याय खत्म करने को एकमत से 'वनाधिकार' कानून बनाया गया था। कानून से आस जगी थी…

14 साल बाद : वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत

वन अधिकार कानून 2006 के प्रस्तावना में उल्लेख है कि औपनिवेशिक काल के दौरान तथा स्वतंत्र भारत में राज्य वनों को…

मध्य प्रदेश : लॉकडाउन में वन कर्मियों ने आदिवासियों के घर जलाए

भोपाल 2 जून 2020। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के सिवाल गांव के आदिवासी निवासियों कहना है कि वन अधिकारियों ने सोमवार 1 जून 2020 की सुबह न केवल एक मिट्टी के घर को जला दिया, बल्कि आने वाले दिनों में और अधिक घर जलने की धमकी दी और कहा कि वह उन्हें फसलों के लिए बीज बोने की अनुमति नहीं देगा। नेपानगर पुलिस थाने में एक शिकायत में, ग्रामीणों ने दावा किया…
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छत्तीसगढ़ : सुप्रीम कोर्ट के जंगल खाली करने के फैसले के खिलाफ बस्तर में प्रदर्शन

कांकेर (छत्तीसगढ़)- गुजरी 2 जुलाई 2019 को आदिवासी समाज ने रैली निकालकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर कहा जल…

अंग्रेजों से भी बेरहम साबित हुई भारत की न्यायपालिका

कुछ लोग इस भ्रम में रहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट या हमारी न्याय व्यवस्था भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी नगरी जैसी…

झारखण्ड : लाखों आदिवासियों को जंगल से जबरन बेदखल करने के खिलाफ पुतला दहन; अल्बर्ट एक्का चौक, रांची 28 फरवरी 2019

आईये, हज़ारों में . . . आदिवासियों के जबरदस्त बेदखल के खिलाफ केंद्रीय आदिवासी मोर्चा की ओर से आयोजित प्रदर्शन में शामिल हों . 28 फरवरी शाम 4 बजे अल्बर्ट एक्का चौक, रांची, झारखण्ड
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भारत के आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ…

साथियों, सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को एक ऐसा आदेश जारी किया है जो संभवतः आजाद भारत के इतिहास में आदिवासियों के…

माई लॉर्ड : जंगल नहीं छोड़ेंगे आदिवासी, प्रतिरोध की तैयारी

-पूजा सिंह रायपुर/भोपाल. देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद देश भर के जंगलों में सैकड़ों सालों से रहने वाले…

मोदी सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के सामने पैदा हुआ अस्तित्व का संकट

केन्द्र की उदासीनता से आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा-रनसिंह परमार केन्द्र की उपेक्षा के कारण आदिवासियों के आवासीय और आजीविका के अधिकार पर प्रश्न ग्वालियर। केन्द्र सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के समक्ष आवास और आजीविका का खतरा पैदा हो गया है। उक्त बात एकता परिषद के अध्यक्ष रन सिंह परमार ने ग्वालियर में आयोजित भूमि अधिकार की…
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