संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

नवलगढ़ के किसानों का बांगड़-बिरला सीमेंट प्लांटों के खिलाफ 2340 दिन से जारी है धरना

राजस्थान के झुंझुनू जिले के नवलगढ़ तहसील भवन के सामने किसान अपनी उपजाऊ जमीन बचाने के लिए 6 साल से घरने पर बैठे है। इन किसानों की 72 हजार बिघा ज़मीन नवलगढ़ में प्रस्तावित बांगड़-बिरला के सीमेंट प्लांटों में जा रही है। कई बार बंद, प्रदर्शन, रैली और धरने जैसे आयोजन कर सरकार को चेतावनी दे चुके किसानों ने एक बार फिर 27 जनवरी 2017 को गोठडा गाँव में बैठक कर ऐलान किया कि हम अपनी जान दे देंगे, लेकन किसी भी सूरत में अपनी जमीन कंपनियों को नहीं देंगे। पेश है किसान संघर्ष समिति नवलगढ़ का बयान; 

भूमि अधिग्रहण विरोधी किसान संघर्ष समिति नवलगढ से जुड़े किसानों की मिटिंग गोठडा गांव में सम्पन्न हुई जिसमें सैंकड़ों की संख्या में किसान महिलाओं व पुरूषों ने हिस्सा लिया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष केप्टन दीप सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि अब लोगों को ये बात समझ में आ चुकी है कि अगर सीमेंट कम्पनियां यहां लग गई ओर इतने बड़े ईलाके में खनन होगा तो यहां का पर्यावरण व भूजल समाप्त हो जायेगा जिसका जन जीवन पर बहुत बुरा दुष्प्रभाव पडेगा इस लिए हम आखिरी दम तक इन कम्पनियों का विरोध करेंगे। जिसका वहां बैठे सभी लोगों ने तालियां बजाकर भरपूर समर्थन किया। मिटिंग की अध्यक्षता गोठडा गांव के रिटायर्ड सूबेदार मदन सिंह शेखावत ने की। महिलाओं ने कम्पनियों के खिलाफ गीतों के माध्यम से व नारे लगाकर विरोध प्रदर्शित किया। मुख्य वक्ताओं में गोवर्धन सिंह निठारवाल, संजय बासोतिया, लेफ्टिनेंट राम लाल सांखणीयां, ओमप्रकाश ढाका, नोरंग लाल दूत, स्वराज के जिला अध्यक्ष कैलाश यादव, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सूबेदार जोध सिंह, बिजली युनियन के श्री चंद डूडी, हरी सिंह ढिंडवाल, उमर फारूक खत्री, रामलाल दूदवाल, महेन्द्र खटकड आदि थे व महिलाओं का नेतृत्व परमेश्वरी देवी ने किया। बैठक के दौरान ही बिजली दरों की बढ़ोतरी का जोरदार विरोध किया तथा आने वाली तीन फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन व विरोध करने का फैसला लिया गया। आसपास के सभी गांवों व ढाणीयों से जिनमें बसावा, देवगांव, पुजारी की ढाणी, कालीरावणा की ढाणी, तुर्काणी, खिरोड, सुरजन पुरा, भोजनगर, ओलां की ढाणी सुंडा की ढाणी, भांकरिया की ढाणी यानि सभी जगह के किसानों ने हिस्सा लिया।

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