संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

टपुकड़ा, होंडा मजदूरों की 28 सितबंर से 2 अक्टूबर तक न्याय संघर्ष रैली : जनसंगठनों से एकजुटता की अपील

19 सितंबर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स 2एफ कामगार समूह, टपुकड़ा के मजदूरों ने 23 सितंबर को राजस्थान पर किए गए अपने प्रदर्शन के बाद अब अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए 28 सिंतबर से 2 अक्टूबर तक धारूहेड़ा-मानेसर-गुड़गांव-दिल्ली के बीच एक यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। यात्रा का समापन 2 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर 11 बजे से एक विशाल जनसभा के रूप में होगा। हौंडा मजदूरों ने अपने संघर्ष की सफलता के लिए सभी संगठनों तथा जनवादी लोगों से एकजुटता की अपील की है।

अपने संघर्ष के ही एक रूप में होंडा मजदूरों तथा सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली तथा हरियाणा में बायकॉट होंडा प्रोडक्ट्स ( होंडा उत्पादों का बहिष्कार करो) नामक अभियान चलाया। इस अभियान के तहत होंडा मजदूरों ने लोगों से अपील की है कि वह दिवाली के मौके पर होंडा द्वारा लगाए गए छूट के प्रचारों से भ्रमित न हों क्योंकि इस समय होंडा के उत्पादों में कोई अंदरूनी फॉल्ट पाया गया है।

आखिर क्यू होंडा टपुकडा मजदूर आमरण अनशन और होंडा के प्रॉडक्ट का बहिष्कार की अपील पूरे भारतवासीयों से कर रहे है ?

होंडा के मजदूर जिन्होने 2011मे होंडा की नींव बने जब कम्पनी बाइक स्कूटर का एक स्क्रू नही आया और फर्श पर मीट्टि-पानी था उसे साफ किया,होंडा पॉलिसी,कार्यशैली और विचारधारा को पढ़ा समझा और उसके अनुसार काम स्टार्ट किया,पर पिछले 5 साल से मेनेजमेंट के अत्याचारों को सहे पर मेनेजमेंट से मिलकर होंडा विदेशी कम्पनी के भारत मे दुसरे प्लांट के रुप मे इस फेक्ट्री को एशिया का नम्बर 1और दुनिया का नम्बर 2प्लांट बना खड़ा किया.

जापान और पूरी दुनियाँ की होंडा फेक्टरियों मे इस फेक्टरी के मजदूरों की कार्यशैली,गुणवत्ता और उत्पादकता की मिशाले देने लगे…

  1. होंडा की अत्याचारी लालची मेनेजमेंट नें इस फेक्टरी की ऊंचाइयों का श्रेय सिर्फ खुद लिया उनका वेतन 25से बढ़कर 125000 तक पहुँच गया और मजदूर का वेतन 7000 से बढ़कर सिर्फ 15000 किया गया*
  2. मजदूर फेक्ट्री मे मर जाता है तो रोड ऐक्सीडेंट दिखा दिया गया.
  3. पिछले पाँच साल मे 24000मजदूर के भविष्य से खिलवाड़ किया गया ठेका प्रथा के सहारे से.
  4. सबसे अहम मुद्दा पाँच साल पहले जो 3500मजदूर इस फेक्टरी की नींव बने वौ मजदूर उस वक्त 18-20साल की उम्र मे थे इन मजदूरों नें होंडा को नम्बर 1बनाने के साथ अन्याय सह लिये पर जब ये अत्याचार असहनीय हुवे तो अपने सँवेधानिक अधिकार श्रमिक संघटन बनाने की कोशिश की तो इन्ही मजदूरों को लाठीचार्ज करके और 307जैसे झूठे मुकदमे लगा कर गैरकानूनी तरीके से बहार कर दिया.
  5. जब होंडा टपुकडा फेक्ट्री मजदूरों को लाठीचार्ज करके गैरकानूनी तरीके बहार करने के बाद अनट्रेंड मजदूरों से काम कराया जा रहा और लाखो फाल्टेड वाहन का निर्माण कर उसे दिवाली के मौके पर जब बिक्री की माँग बहूत ज्यादा होती है इस वक्त मे इस वाहनों को बेचने की प्लानिंग है.

जिन मजदूरों नें कम्पनी को ऊंचाईयां दी अपना भविष्य बनाने की अहम 18-25 की उम्र दी उन्हे गैर कानूनी रुप से बहार किया,फर्जी मुकद्दमा लगाया,अन्य सभी कारखानों मे काम ना मिले इसके लिये ब्लेक लिस्टेड किया गया

ये 3500मजदूर सब जगह न्याय माँगकर जब थक गये है
और अब आमरण अनशन मे अपने को मौत के हवाले खड़े किये

दिल्ली जंतर मंतर पर बैठे

एक विदेशी कम्पनी भारतीय मजदूरों के साथ इस प्रकार से अन्याय और शोषण करती है तो …

देशवासियों से अपील है की इनको न्याय के लिये सहयोग करो और होंडा का प्रोडक्ट ना खरीदे पूरे देशवासियों और मेनेजमेंट तथा सरकार से एक ही पुकार करते है की एक मजदूर को अपनी जिंदगी से प्यारी मजदूरी लगती हे क्योंकि जिंदगी तो खुद जीता हे पर उसकी मजदूरी से पूरा परिवार जीता हे परिवार के जीने का हक छीनने वालो को इतना ही कहना हे की या तो मजदूरी दो

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