संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

2 सितम्बर राष्ट्रीय हड़ताल : जानिये क्यों हो रही है हड़ताल, क्या है मांगे ?

क्या आपको पता है 2 सितम्बर 2016 को देश के 11 सेंट्रल ट्रेड यूनियन मिलकर देशव्यापी हड़ताल कर रहे है ?
क्या आप जानते है ये हड़ताल क्यों हो रही है, क्या मांगे है ?

क्यों इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा देश के सभी श्रमिक संगठनों को?

दोस्तों आइए,आपको पूरा विस्तार से बताता हूँ और आप लोगों से निवेदन है कृपया यह जानकारी खुद भी समझें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचायें .

दरअसल मोदी सरकार श्रम कानूनों में बदलाव करने जा रही है जिसमें  नया श्रम कानून तीन पुराने श्रम कानूनों, इंडस्टिरियल एक्ट 1947,ट्रेड यूनियन एक्ट 1926,और इंडिस्टियल एक्ट 1946 की जगह लेगा। यदि ये कानून बन गया तो क्या होगा?

क्या हैं ये नए कानून

  1. मोटर ट्रांसपोर्ट वर्क्स एक्ट 1961.
  2.   पेमेंट ऑफ़ बोनस एक्ट 1965, 
  3. इंटर स्टेट वर्कमेंन एक्ट 1979,
  4. बिल्डिंग्स एंड कंस्ट्रक्टशन   1996 .  

इनके  आने से निम्न बदलाव आसानी से हो जायेंगे.        

  1. कर्मचारियों  को नौकरी से निकालना आसान हो जाएगा ।  
  2. यूनियन बनाना मुश्किल हो जाएगा न्यूनतम 10 फीसदी या 100 कर्मचारी की जरुरत होगी । जहाँ पहले 7 कर्मचारी मिलकर यूनियन बना लेते थे वहां अब 30 की जरुरत होगी।
  3. एक माह में ओवर टाइम की सीमा 50 से बढ़ाकर 100 घंटे करना गलत है क्योकि इसका भुगतान डबल रेट में ना होकर अब सिंगल रेट में होगा । जब कानून में ही 100 घंटे का प्रवधान हो जाएगा तो मजदूरों को 8 घंटे के जगह 12 घंटे की नियमित ड्यूटी हो जाएगी।
  4. फेक्टरी के मालिकों को अब ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे  कोर्ट जाने का अधिकार खत्म हो जाएगा।
  5. मौजूदा 44 श्रम कानूनों को ख़त्म करके 4 कर दिया जाएगा ।
  6. यूनियन में बाहरी लोगो पर रोक लगा दी जाएगी ।
  7. अप्रेंटिश् एक्ट में एक तरफ़ा बदलाव कर 2 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया जाएगा ।

साथियों ये इतना खतरनाक कानून है यदि इसका विरोध नहीं किया गया और ये बन गया तो बहुत् ही बुरे हाल हो जायेंगे। मजदूरों, कर्मचारियों क लिएे ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि देश में विदेशी निवेश होगा और विदेशी कंपनिया कहती हैं कि भारत के 44 श्रम कानून बहुत ही जटिल और मजदूर हितैषी है पहले आप इनको खत्म करो फिर हम भारत आएंगे इसलिए मोदी सरकार ये कदम उठा रही है। और एक बार फिर भारत को गुलाम बनाने की पहल की गई है ।

इसलिए देश के 11 सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने मिलकर ऐलान कर दिया है की 2 सितम्बर को देश व्यापी हड़ताल होगी, पुरजोर विरोध किया जायेगा कि इस कानून को वापस लिया जाएं ।

हम इस देश को फिर से गुलाम नहीं होने देगें ये कसम खाएं और तैयार हो जाएं हल्ला बोलने के लिए।
AICCTU

तो 2 Sept सफल करो!!!

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