संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

महाराष्ट्र : तीनों कृषि कानून रद्द करने के मांगपत्र पर पौने सात लाख किसानों ने के लिए हस्ताक्षर

96वां दिन, 1 मार्च 2021 संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कई केंद्रीय मजदूर संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में आज 1 मार्च को एक संयुक्त बैठक आयोजित की जा रही है। राष्ट्र सेवा दल संगठन ने तीन कृषि कानून रद्द करने की मांग के लिए पूरे महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान में 6 लाख 75 हजार लोगो ने इन कानूनों को…
और पढ़े...

हरियाणा : खट्टर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में…

-विवेक मिश्रा  हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी…

बिहार : किसान आंदोलन के समर्थन में शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा संपन्न

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के बैनर तले किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में जारी…

छत्तीसगढ़ : कोयला खनन में पेसा कानून की अनदेखी पर फिर उठे सवाल, सरकार और ग्रामीण आमने-सामने

कोयला खनन के वास्ते केंद्र सरकार ने बीते दिसंबर महीने में 1957 में बने कानून का उपयोग करते हुए कोरबा जिले के मदनपुर इलाके में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु कर दी। छत्तीसगढ़ राज्य के खनिज सचिव ने जनवरी में पत्र लिखकर इसपर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों के अनुसार उनका क्षेत्र पांचवी अनुसूची के दायरे में आता है जहां ग्राम-पंचायतों को पेसा कानून के तहत…
और पढ़े...

उत्तर प्रदेश : नये कृषि कानून के विरोध में हरदोई में किसान महापंचायत

सोशलिस्ट किसान सभा ने हरदोई के भरावन में की किसान महापंचायत मोदी सरकार - किसान विरोधी कानून वापस लो योगी सरकार…

क्यों किसान इन तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है ?

-उर्मिलेश क्या कहते हैं ये तीनों कृषि कानून? हमारे कुछ दोस्तों ने बताया कि यूपी-बिहार में ज्यादातर किसानों को…

छत्तीसगढ़ : हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रस्तावित मदनपुर साउथ कोयला खदान के विरोध में खड़े स्थानीय समुदाय के प्रति एकजुटता प्रकट करता है-एन.ए.पी.एम.

केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला धारक क्षेत्र अधिनियम, 1957 के तहत 700 हेक्टेयर से अधिक वन और आदिवासी भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना कई केंद्रीय कानूनों – PESA, 1996; FRA, 2006; EIA अधिसूचना, 2006; और LARR, 2013 – के सार्वजनिक परामर्श प्रावधानों को दरकिनार करने का प्रयास है आदिवासी ग्राम सभाओं के संवैधानिक अधिकारों को ध्यान रखते हुए सरकार भूमि…
और पढ़े...

उत्तर प्रदेश : पूर्वांचल में किसान आंदोलन की तैयारी शुरू, मार्च में होगी…

संयुक्त किसान मोर्चा की दो दिवसीय बैठक गाजीपुर के नंदगंज में 18 फरवरी 2021 को कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के डॉ. परमानंद…

उत्तराखण्ड : NTPC पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दायर किया जाए

7 फरवरी, 2021 को तपोवन गांव स्थित बैराज के गेट बंद थे जिस कारण से तेजी से बहता पानी गेट से टकराकर बांयी ओर स्थित…

योजनाकारों, ठेकेदारों, सरकारों द्वारा आमंत्रित आपदा में शहीद हुए लोगों के लिए एक शोक वक्तव्य

उत्तराखंड ने फिर एक तबाही का मंजर देखा। चमोली जिले में ऋषिगंगा में अचानक से आई जलप्रलय में रैणी गांव के स्थानीय निवासी, बकरियां चराने वाले बकरवाल व 13.5 मेगावाट के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत मजदूर-कर्मचारी मारे गए या लापता घोषित हुए हैं। जलप्रलय ने धौलीगंगा में पहुंचकर तपोवन विष्णुगढ़ पावर प्रोजेक्ट (520 मेगावाट) के पूरे बांध को ध्वस्त…
और पढ़े...