संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

मारुति सुजुकी वकर्स पदयात्रा : जुल्मी कब तक जुल्म करेगा शोषण़ के हथियारों से, हम भी उसको ध्वस्त करेंगे एकताबद्ध कतारों से

 अन्याय के विरुद्ध मारुति सुजुकी वकर्स यूनियन की 15 जनवरी को कैथल जिला सचिवालय हरियाणा के सामने से शुरू हुआ ‘जनजागरण यात्रा’  23 जनवरी 2014 को रोहतक पहुची। रोहतक शहर में  पदयात्रा रोहतक बस स्टैंड, लघु सचिवालय, और मंससोवर पार्क होकर शहर में अपना प्रचार करते हुए गयी। दो नुक्कड़ सभा को संबोधित करके यूनियन ने हरियाणा मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा के नाम एक ज्ञापन दिया गया। मजदूरों ने मुख्य मांग रखते हुए कहा की 18 महीने से जेल मे बंद 148 मजदूरों को रिहा किया जाए, 18 जुलाई की घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए और सभी बर्खास्त मजदूरों को काम पर वापस लिया जाए।

सभा में मारुति सुजुकी वकर्स यूनियन के समर्थन में जनसंघर्ष मंच हरियाणा, सी.आई.टी.यू., इंकलाबी मज़दूर

केन्द्र, क्रान्तिकारी नौजवान सभा, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा- मजदूर कार्यकर्ता कमेटी, समतामूलक महिला संगठन, एस.एफ.आई., छात्र एकता मंच, रेवुलुसोनारी कल्चरल फ्रंट, सर्व कर्मचारी संघ सहित तमाम जन संगठन शामिल रहे, बात रखी और सांस्कृतिक कार्यक्रम किया। वकील रणबीर हुड्डा भी समर्थन में अपनी बात रखी। वक्ताओं ने बोला की यह सभी मजदूर और किसानो की संयुक्त लड़ाई है, और हरियाणा सरकार के अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ ये जारी रहेगा, और 31 जनवरी को दोपहर जंतर मंतर पर पहुचकर पदयात्रा को सफल बनाने की अपील की। इस दौरान मज़दूरों ने ऐलान किया कि ‘जुल्मी कब तक जुल्म करेगा शोषण़ के हथियारों से, हम भी उसको ध्वस्त करेंगे एकताबद्ध कतारों से।’

वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ तो तमाम अपराधी तो सत्ता में बैठे हुए हैं, लेकिन बेगुनाह 148 मज़दूर 18 महीने से जेल में बन्द हैं। गैरकानूनी कृत्यों में लिप्त प्रबन्धन तो ऐश कर रहा है और ढाई-तीन हजार मारुति के मज़दूर बेरोजगार भटक रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि पिछले 18 माह के दौरान यह बात साफ तौर पर देखने में आई कि कैसे जापानी मालिकों की सेवा में लगी सरकार और उसकी पुलिस-प्रशासन-श्रम विभाग सारे कानूनो को ताक पर रख कर निर्लज्ज रूप से काम कर रही है। 18 जुलाई 2012 की दुखद घटना के वास्तविक दोषी मारुती प्रबन्धन बेगुनाह बैठा है और बेगुनाहगार मज़दूर सजाएं भुगत रहे हैं,
दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

यूनियन के प्रोविजोनल कमेटी के तरफ से राजपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की शासन सत्ता की बेरुखी के बाद मारुति के मजदूरों तथा जेल में बंद मजदूरों के परिजनों का एकमात्र सहारा आम मेहनतकश जनता का इस न्याय की लड़ाई में समर्थन है। जनता के वोट से चुनी हुई सरकार जापानी पूंजीपति की दलाली नंगे तौर पर कर रही है। इस सरकार को मेहनतकश जनता मुंहतोड जवाब देगी।

इससे पूर्व पदयात्रा कैथल से शुरू करते हुए प्योदा, देवबन, गुलियाणा, किठाना, सामदो और नागूरा गाँव समेत कैथल और जींद जिले के समस्त गांवों में अपना बात रखते हुए गयी। जत्था 19 जनवरी को जींद, 20 को गतोली और जुलाना और 22 को लाखन माजरा और भगवतीपुर होते हुए रोहतक पहुची।

मारुति मजदूरों के हल की दास्तान सुनने के बाद गाँव के लोगो का सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है तथा लोग ये चर्चा करने लगे की सरकार एक जापानी कंपनी की दलाली में यहाँ तक उतर आई है की वे जेल में बंद 148 मजदूरों की ज़मानत तक नहीं होने दे रही है। जत्थे का ही असर यह है की सरकार तथा उसके नुमाइंदे गाँव गाँव पहुचकर जत्थे के रह में अवरोध पैदा कर रहे है जिसके चलते हमारा समर्थन दोगुना होता जा रहा है।

‘हमारे साथियों को रिहा करो’ नारे के साथ प्रारम्भ हुई इस पदयात्रा की गूँज कैथल से दिल्ली तक 16 दिनो में हर गाँव-शहर-गली-मोहोल्ले में पहुचेगी। हर जगह स्थानीय लोगो ने बोला की यह लड़ाई केवल मजदूरों की नहीं है, बल्कि अब यह लड़ाई हरियाणा की अस्मिता की भी लड़ाई बन चुकी है। क्योकि जुलाई 2012 के बाद फेक्टरियों ने हरियाणा के नौजवानों को काम पर रखना बंद कर दिया है। पदयात्रा के द्वारा हम न्याय पाने के अपने संकल्प को आम जनता तक ले जा रहे हैं।

मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन ने विस्त्रृत कार्यक्रम घोषित करते हुए कहा कि आज रोहतक से होकर दिघल (झज्जर), 24 को चमनपुर व गुड्डा, 25 को झज्जर व दादरी, 26 को दादरी से फारूख नगर, 27 को गढ़ी और 28 को गुडगाँव में ट्रेड यूनियनो के समर्थन के साथ सभा होगी। इसके बाद पदयात्रा दिल्ली पहुचेगी। 29 जनवरी को छात्र-युवा संगठनों ने समर्थन में दिल्ली के जे.ऍन.यू. में सभा आयोजित किया है। 31 जनवरी को दिल्ली जन्तर मन्तर पर व्यापक कार्यक्रम होगा।

(रामनिवास, महाबीर, राजपाल, योगेश, कटार)
प्रोविसोनल वर्किंग कमेटी
मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन

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