संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर पुलिसिया दमन के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन

नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग और गिरफ्तार पत्रकार साथियो की रिहाई को लेकर 10 मई को एक दिवसीय प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपा गया। धरनारत पत्रकारो के समर्थन में अनेको राष्ट्रीय राजनितिक,समाजिक,स्वयंसेवी,छात्र,मानवाधिकार, पत्रकार संगठनो के सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज करायी। पेश है पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति का राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन;

प्रति,
श्री मान राष्ट्रपति
भारत सरकार
नयी दिल्ली

विषय-छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग सहित सभी जिलो में पत्रकारो के साथ प्रताड़ना और फर्जी प्रकरणों में फंसा करके जेल में भेजने के मामलो में हस्तक्षेप कर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के लोकतान्त्रिक मूल्य की रक्षा करने बाबत।

मान्यवर,

छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले काफी समय से स्वतन्त्र व निरपेक्ष पत्रकारिता के लिए माहौल लगभग समाप्त हो गया है। सरकार की नीतियों और उसके क्रियान्वयन में हो रही गड़बड़ी को उजागर करने वाले पत्रकारो को फर्जी प्रकरण बनाकर जेल भेजा जा रहा है विशेषकर बस्तर संभाग में राज्य शासन का स्थानीय पुलिस व प्रशासन पर पकड़ ढीली हो चुकी है और अपनी विफलताओं का गुस्सा वहाँ के निर्दोष ग्रामीण तथा जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता कर रहे पत्रकारो पर उतारा जा रहा है।

महोदय बस्तर में पत्रकारो को नक्सली सहयोग बताकर और फर्जी मामलो में फंसाकर एक वर्ष के भीतर बस्तर के चार पत्रकार सोमारू नाग, सन्तोष यादव, दीपक जायसवाल और प्रभात सिंह को जेल भेजा गया है जबकि पुरे प्रदेश में कई पत्रकारो के खिलाफ फर्जी प्रकरण दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की कोशिश की जा रही है उल्लेखनीय है की बस्तर में पत्रकार साथी नेमी चन्द जैन और साईं रेड्डी को पुलिस मुखबिर बताकर नक्सलियों द्वारा मौत के घाट उतारा जा चूका है इनमे से साईं रेड्डी को नक्सली सहयोगी बताकर छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य जनसुरक्षा अधिनियम के तहत दो वर्ष में बन्द कर रखा गया था।

महोदय प्रदेश में पत्रकारो ने पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति के तहत निरपेक्ष पत्रकारिता के विरुद्ध प्रदेश में बने इस माहौल के खिलाफ प्रदेश में बने इस माहौल के खिलाफ पिछले एक वर्ष से आंदोलन छेड़ रखा है। जेल में बन्द साथियो की रिहाई के साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर 21 दिसंबर 2015 को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में पत्रकारो द्वारा जेलभरो आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया था जिसमे देश भर के पत्रकारो ने हिस्सा लिया था उस वक़्त छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पत्रकारो के प्रतिनिधि मण्डल को आश्वासन दिया था की फर्जी प्रकरणों में फंसाए गए पत्रकार साथियो के प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच के लिए समन्वय समिति गठित कर जेल में बन्द साथियो की रिहा करेंगे पर इसपर आज दिनांक तक कुछ सार्थक नही हो पाया बल्कि पत्रकारो के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पत्रकार साथी प्रभात सिंह और दीपक जायसवाल को भी जेल भेज दिया गया और मामूली धाराओ के बावजूद न्यायालय से दोनों को जमानत नही मिल पाया।

मान्यवर बस्तर संभाग में पुलिस आईजी शिव राम प्रसाद कल्लूरी सीधे पत्रकारों को फोन कर धमकाने में लगे हुये है कि पत्रकार अगर सरकार के खिलाफ लिखेंगे तो उन्हें भुगतना पडेगा । इस माहौल में पुरे प्रदेश के पत्रकारों में भय व्याप्त है, अतः मान्यवर से प्रार्थना है कि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए पहल करे साथ ही निम्न मांगो के पूर्ति हेतु राज्य शासन को निर्देशित करें-

  1. फर्जी प्रकरणों में जेल में बंद पत्रकार साथी सोमारू नाग, संतोष यादव, दीपक जायसवाल और प्रभात सिंह को तत्काल रिहा किया जाए। 
  2. पत्रकारो के सुरक्षा और निरपेक्ष पत्रकारिता के लिये माहौल बनाने हेतु छत्तीसगढ़ में “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू किया जाए।
  3. पत्रकारों के खिलाफ पुरे प्रदेश में बनाये फर्जी प्रकरणों न्यायिक जाँच कर दुर्भावनापूर्वक मामला बनाने वाले अधिकारियों को दंडित किया जावे। 
  4. पत्रकारों को डराने और धमकाने में लगे बस्तर आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी के बस्तर में पदस्थापना की अवधि में आदिवासियों व पत्रकारों के ऊपर बनाये गये फर्जी मामलो की जाँच कर कार्यवाही किया जाए साथ ही जाँच होने तक उन्हें बस्तर से हटाया जाए । 
  5. कर्तव्य पालन करते हुए नक्सलियों द्वारा मारे गए पत्रकार नेमीचंद जैन और सांई रेड्डी को शहीद का दर्जा प्रदान किया जाए, साथ ही उनके परिवार को शासकीय कर्मियो की तरह आर्थिक सहायता व सुरक्षा प्रदान किया जाए
  6. उपरोक्त मामलो के अलावा प्रदेश में धरमजयगढ़ से पावेल अग्रवाल, गुरुचरण, डोंगरगढ़ से सन्तोष राजपूत, सोमेश्वर सिन्हा, रोहण सिन्हा, दुर्ग के पत्रकार नरेंद्र मार्कंडेय व विनोद दुबे, अंबागढ़ चौकी के पत्रकार एनिस गोस्वामी, बिलासपुर के पत्रकार दुलेश्वर प्रसाद गिरी गोस्वामी,देवधर तिवारी, शिव तिवारी, महेंद्र द्विवेदी विनोद श्रीवास्तव, कोंडागांव के पत्रकार राजेश शर्मा के साथ ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी पत्रकार पवन ठाकुर, सन्दीप कडक्वार,सन्तोष साहू पर भी समाचार संकलन के दौरान प्रशासन द्वारा ज्यादती की घटनाए हुई है साथ ही राज्य में ऐसे और अनेको मामले है जिसकी जांच कर प्रभावित पत्रकारो को त्वरित न्याय दिलाया जाए।

अतः आपसे सविनय अनुरोध है की उक्त मांगो पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा के लिए आप पहल कर पत्रकारो को निरपेक्ष पत्रकारिता के राज्य में माहौल पुन: स्थापित करने व्यवस्था बनाने में महत्ती भूमिका निभाए।

पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति

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