संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कालसे पाटिल का किसानों को समर्थन

जैतापुर (महाराष्ट्र) के परमाणु संयंत्र विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे मुम्बई हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कालसे पाटिल 27 फरवरी 2012 को किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित धरने के 567 वें दिन किसानों को समर्थन देने फतेहाबाद पहुचे । धरने को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा किसी भी सूरत में मानव हित में नहीं है क्योंकि इससे निकलने वाली हानिकारक किरणें स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।

कालसे पाटिल गोरखपुर परमाणु संयंत्र विरोधी किसानों का समर्थन करने यहां आए थे। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में लगे हुए परमाणु संयंत्र किसी भी सूरत में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष1973 के बाद विकसित देशों में आज तक कोई भी परमाणु संयंत्र नहीं लगाया गया है। श्री पाटिल ने कहा कि देश की कुल आबादी के 44 प्रतिशत लोगों ने आज तक बिजली की शक्ल नहीं देखी है और 33 प्रतिशत लोग एक साल में 0 से 50 यूनिट तक बिजली का प्रयोग करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन को उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिग्रहित कर रही है। विश्व के विकसित देश जर्मनी, स्विट्जरलैण्ड, जापान, इटली सभी परमाणु रिएक्टरों को रिजेक्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की जरूरत है। जापान जैसे देश में वर्ष 2020 तक 10 करोड़ मैगावाट बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा ही सबसे सस्ती ऊर्जा है।
सौर ऊर्जा के उत्पादन के विकल्प बहुत ही सस्ते हैं और इनसे न तो मानव स्वास्थ्य को कोई हानि होती है और न ही पर्यावरण को। इस अवसर पर हिमालय नीति अभियान के सदस्य गुमाम सिंह, नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्य प्रो. विष्णु श्रीवास्तव, आजादी बचाओ आंदोलन के सदस्य जसबीर आर्य, परमाणु विरोधी मोर्चा हिसार के राजेन्द्र शर्मा, प्रदीप चौधरी, महाबीर शर्मा, का. कृष्ण स्वरूप गोरखपुरिया, हंसराज सिवाच, शैलेन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार, सुभाष पूनिया फतेहाबाद सहित अनेक किसान नेता उपस्थित थे।  – राजेन्द्र शर्मा (हिसार)
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