संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

झारखण्ड: जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज होगा

गुजरी 16 अक्टूबर से एक के बाद एक फर्जी केस लगाकर दयामनी बारला को झारखंड पुलिस न केवल जेल में रखे हुए है बल्कि रिमांड के नाम पर उत्पीडन भी कर रही है. आज उन्हें नगड़ी के मामले में कोर्ट में पेश किया गया था. इस मोके पर उन्होंने कहा की “अपने पूर्वजों की भूमि का एक इंच भी नहीं देंगे। सरकार-कोर्पोरेट को उनके पुरखों की भूमि छीनने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’ पेश है यहाँ पर आलोका की यह रिपोर्ट;

दयामनी बरला की रिहाई की मांग एंव जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ पुरे झारखण्ड में आंदोलन तेज किया जायेगा इस संधर्भ में पोटका से राँची पदयात्रा की शुरुआत २ नवम्बर को हो चुकी है यह पदयात्रा भूषण स्टील का MOU रद्द करने, कोल्हान को केंद्र शासित राज्य की मान्यता देने, कुजू डैम को रद्द करने, पांचवी अनुसूची को दृढ़ता पूर्वक लागू करने, जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ आदि मकसद से नामकुम में  9 नवम्बर 2012 को शाम तक पहुँच जायेंगी।


नौ नवंबर को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन होगा. इसमें नगड़ी में सीआरपीएफ की तैनाती नहीं करने, नगड़ी की भूमि रैयतों को वापस करने की मांग की जायेगी.

10 नवम्बर 2012 को 10-12 हजार आदिवासी अपने हक अधिकार के लिय राजभवन का घेराव करेगे

15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर झारखंड दिशोम पार्टी, वामदल समेत अन्य संगठन उलगुलान क्रांति की शुरुआत करेगे. एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में दयामनी बरला की रिहाई की मांग एंव जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ पुरे झारखण्ड में आदिवासियों को एक जूट किया जायेगा.

पुरे देश में दयामनी बारला के समर्थन में आवाजे उठाना शुरू हो गई है. आज भी सीपीएम कि वृंदा करात ने दयामनी बारला से बिरसा मुंडा केन्द्रीय काराग्रह में मुलाकात की है और उनके आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि नगड़ी की जमीन वापस मिलनी चाहिए. दो दिन पहले ही मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित नेशनल एलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट के राष्ट्रीय समन्वयक संदीप पांडेय दयामनी बरला की रिहाई के लिए रांची आ चुके है.

इसको भी देख सकते है