संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

कुडनकुलम में पुलिसिया दमन के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन

कुडनकुलम में आज सुबह दूसरे दिन भी जल सत्याग्रह जारी है. सरकार ने समुद्र में जला सत्याग्रह कर रहे मछुआरों पर नौसेना के जहाज तैनात कर दिए हैं, जो पूरे इलाके पर मंडरा रहे हैं जिससे लोगों में भय व्याप्त है. पूरे इलाके में पुलिस की नाकेबंदी से लोगों को खाने-पीने के सामान तथा दवाइयों तक की कमी हो रही है.

देश के नागरिकों से अपील
तमिलनाडू के दक्षिणी चोर पर स्थित तिरुनेलवेली जिले में निर्माणाधीन कूडनकुलम परमाणु परियोजना का विरोध पिछले पचीस वर्षों से चल रहा है जिसमें पिछले एक साल से, फुकुशिमा दुर्घटना के बाद,जबरदस्त तेजी आई है.

आंदोलनरत स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परियोजना में पर्यावरणीय सवालों और लोगो के जीवनयापन तथा सुरक्षा के सरोकारों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है. आंदोलन से जुड़े आठ हज़ार लोगों पर सरकार ने देशद्रोह के मुकदमे लगा दिए हैं.

रिएक्टर परियोजना के खिलाफ जायज मांगों पर संघर्ष कर रहे लोगों पर निर्मम पुलिसिया दमन में अबतक दो जानें जा चुकी हैं, कम-से-कम पचास लोग बुरी तरह जख्मी हैं, और तकरीबन नब्बे लोग गिरफ्तार हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं.

हम आपसे अपील करते हैं अपने स्तर पर इस दमन का विरोध करें और अपनी जीविका, सुरक्षा तथा हक के लिए लड़ रहे लोगों के पक्ष में खड़े हों. अधिक जानकारी और सहयोग के लिए संपर्क करें:

People’s Movement Against Nuclear Energy (PMANE)
Idinthakarai & P. O. 627 104
Tirunelveli District, Tamil Nadu
Phone: 98656 83735; 98421 54073
koodankulam@yahoo.com
pushparayan@gmail.com

12 सितम्बर को कुडनकुलमके समर्थन में लखनऊ में हुए विरोध-प्रदर्शन की रिपोर्ट हम आपसे साझा कर रहे हैं:

कन्याकुमारी के नजदीक तमिलनाडू में स्थित कुडनकुलम में एक लम्बे समय से प्रस्तावित नाभिकीय बिजली घर के खिलाफ स्थानीय स्तर पर एक जन आंदोलन चल रहा है जिसमें ज्यादातर मछुआरे शामिल हैं। यह बिजली घर रूस की मदद से लगाया जा रहा है। इंदिथकरई गांव पिछले करीब साल भर से आंदोलन कर केन्द्र बना हुआ है। आंदोलन के नेता एस.पी. उदयकुमार व पुष्परायण इस गांव से पिछले छह माह से बाहर नहीं आए हैं क्योंकि उनकी गिरफ्तारी की आशंका थी।

जब यह खबर आई कि भारतीय नाभिकीय विद्युत कार्पोरेशन इस कारखाने को शुरू करने की तैयारी कर रहा है तो 9 सितम्बर को स्थानीय ग्रामीणों ने कारखाने को घेरने की कोशिश की। 10 सितम्बर को सुबह पुलिस ने भयंकर दमन किया जिसमें एक व्यक्ति एंथनी सामी की जान भी चली गई। कई व्यक्ति, जिसमें बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं, अस्पताल में भर्ती हैं और कुछ की हालत गम्भीर है। एक तरफ से पुलिस लाठी चार्ज कर रही थी और आंसू गैस के गोले फेंक रही थी तो दूसरी तरफ समुद्र था। लोगों के लिए भाग के कहीं जाने का रास्ता नहीं था। 90 लोगों की अभी तक गिरफ्तारी हो चुकी जिनका कोई पता नहीं कि उन्हें कहां ले जाया गया है। उदयकुमार व पुष्परायण कल देर रात गिरफ्तारी देना चाहते थे ताकि और अधिक पुलिस दमन न हो किन्तु स्थानीय ग्रामीण उनकी गिरफ्तारी के पक्ष में नही हैं। इसलिए और पुलिस दमन की आशंका बढ़ गई है।

 हम मांग करते हैं कि सरकार कुडनकुलम ही नहीं बल्कि जैतापुर, महाराष्ट्र, मीठी विर्डी, गुजरात, गोरखपुर, हरियाणा, चुटका, मध्य प्रदेश, कोवाडा, आंध्र प्रदेश, आदि, जहां-जहां नाभिकीय बिजली घर लगाना चाह रही है अपनी योजना वापस ले।

नाभिकीय बिजली घर बिजली पैदा करने कर एक महंगा व खतरनाक तरीका है। इससे निकलने वाले विकिरण से इंसान को कैंसर हो सकता है। विकसित देशों में पिछले 25-30 वर्षों से नए नाभिकीय बिजली घर लगने बंद हो गए हैं। इसके अलावा चेर्नोबिल और फ्यूकिशिमा में हुई दिल दहलाने वाली दुर्घटनाओं ने यह साबित कर दिया है एक-एक नाभिकीय बिजली घर, नाभिकीय शस्त्र जैसी विनाश की क्षमता रखता है।

बिजली का विकल्प है पर्यावरणीय सुरक्षित पुनर्प्राप्य संसाधन, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोमास, बायोगैस, इत्यादि, न कि परमाणु ऊर्जा:

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