संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

आदिवासियों की जमीन लौटाने का आदेश

हमने संघर्ष संवाद के पिछले अंकों में यह बताया था कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में किस प्रकार फर्जी नामों से जमीन खरीद कर तथा बलात कब्जा कर जिंदल जैसे उद्योगपति आदिवासियों तथा अन्य किसानों की जमीनें हड़प रहे हैं। ऐसे फर्जी खरीद-फरोख्त के मामलों तथा कुछ भुक्तभोगियों के बयान भी हमने प्रकाशित किये थे। परंतु जाँजगीर चांपा के जिलाधिकारी का यह आदेश सरकारी तौर पर भी यह सिद्ध करता है कि ऐसा हो रहा है तथा इसमें राज्य के मंत्री तक शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में गृहमंत्री के बेटे द्वारा उद्योग के लिए जमीन खरीदने की शिकायत के बाद कलक्टर ने आदिवासियों की जमीन लौटाने का आदेश दिया है। कलक्टर बृजेश चंद मिश्र ने आदेश दिया कि जिले के जांजगीर तहसील के भादा और गाड़ापाली गांव के पांच किसानों की 13.65 एकड़ जमीन उन्हें वापस लौटायी जाय।

मिश्र ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि संदीप कंवर ने आदिवासियों की जमीन खरीदी है जिसका भुगतान निजी उद्योग विडियोकान ने किया है। जिले में आदिवासियों की जमीन यदि गैर आदिवासी व्यक्ति खरीदता है तो उसे कलक्टर की इजाजत लेनी होती है। हालांकि, संदीप कंवर भी आदिवासी हैं लेकिन भुगतान विडियाकान ने किया है। इसलिए आदिवासियों की जमीन उन्हें लौटाने का आदेश दिया गया है।
कलक्टर ने बताया कि इस मामले में अभी पांच खातेदारों की 13.65 एकड़ जमीन लौटाने का आदेश दिया गया है। इन सभी खातेदारों को विडियोकान ने 54 लाख 86 हजार रुपए का भुगतान किया था। वहीं इस मामले में 80 एकड़ जमीन खरीदने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि उन्हें जब विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली कि नियम विरूद्ध तरीके से आदिवासियों की जमीन खरीदी जा रही है तब उन्होंने इस मामले की जांच की और जब इससे भू-राजस्व संहिता का उल्लंघन पाया गया तो यह कार्रवाई की गई।
इस मामले में राज्य के गृहमंत्री और संदीप कंवर के पिता ननकी राम कंवर ने कहा है कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है और केवल राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए उन्हें फंसाया जा रहा है। कंवर ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि संदीप विडियोकान के कर्मचारी हैं और उसने उसके लिए जमीन खरीदी है। यदि संदीप आदिवासियों से जमीन खरीद कर ज्यादा कीमत में विडियोकान को जमीन बेचते तब यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है लेकिन ऐसा मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वे किसी भी तरह से जांच के लिए तैयार हैं।
छत्तीसगढ़ में निजी उद्योग के लिए गृहमंत्री के बेटे द्वारा जमीन खरीदने का मामला सामने आने के बाद यहां राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि संदीप द्वारा आदिवासियों की जमीन सस्ती दरों में खरीद कर उसे शासन के प्रावधानों के अनुसार कई गुना अधिक दरों पर कंपनी को बेचा जा रहा है। इस कारण क्षेत्र के प्रभावित भू-मालिक की जहां एक तरफ से पूरी जमीन जा ही है वहीं, दूसरी ओर वे सरकार की पुनर्वास नीति के प्रावधानों के तहत लाभ से भी वंचित हो रहे हैं।
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