संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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वनाधिकार

वन संरक्षण कानून 1980 में प्रस्तावित संशोधन जंगल को कॉरपोरेट्स के हाथों बेचने की साजिश : भूमि अधिकार आंदोलन

नई दिल्ली : 2014 में एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण अधिनियम का विरोध करने के लिए शुरू किए गए भूमि अधिकार आंदोलन समूह ने 12 नवंबर को एक बार फिर राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान करते हुए प्रस्तावित संशोधनों को तर्कहीन और असंवैधानिक बताया। वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2 अक्टूबर को उसी अधिनियम में 1988 में किए गए संशोधनों के संदर्भ में…
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मध्य प्रदेश सरकार बना रही 11 नए अभयारण्य : हजारों आदिवासियों पर विस्थापन का खतरा

मध्यप्रदेश का वन विभाग 11 नए अभयारण्य और रातापानी को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य के…

मध्य प्रदेश : अवैध बेदखली और लूट के विरोध में आदिवासियों का प्रदर्शन

3000 से ज्यादा आदिवासियों ने धरना कर किया खंडवा प्रशासन द्वारा अवैध बेदखली और लूट का विरोध; कानून का उल्लंघन कर

पच्चीसवें साल में पेसा : ग्राम सभा को सशक्त करने के लिए आया कानून खुद कितना मजबूत!

-कुंदन पाण्डेय पेसा यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) क़ानून 1996 में आया था। इस कानून को आदिवासी-बहुल क्षेत्र में स्व-शासन (ग्राम सभा) को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से लाया गया था। इस कानून के वर्तमान स्थिति का अनुमान इस एक तथ्य से लगाया जा सकता है कि पच्चीस साल होने को है पर कुल दस में से चार राज्यों ने इसके लिए जरूरी…
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संसद द्वारा एकमत से पारित वनाधिकार कानून के बाद भी आदिवासियों, वनाश्रितों के साथ…

2006 में देश की संसद द्वारा ऐतिहासिक अन्याय खत्म करने को एकमत से 'वनाधिकार' कानून बनाया गया था। कानून से आस जगी थी…

14 साल बाद : वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत

वन अधिकार कानून 2006 के प्रस्तावना में उल्लेख है कि औपनिवेशिक काल के दौरान तथा स्वतंत्र भारत में राज्य वनों को समेकित करते समय उनकी पैतृक भूमि पर वन अधिकारों और उनके निवास को पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं दी गई थी, जिसके परिणाम स्वरूप वन में निवास करने वाली उन अनुसूचीत जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों के प्रति ऐतिहासिक अन्याय हुआ है, जो वन…
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सिमिलीपाल टाइगर रिजर्व : बाघों के संरक्षण के लिए आदिवासियों की बलि

सिमिलीपाल टाइगर रिजर्व से विस्थापित किए गए आदिवासियों के बीच बढ़ते असंतोष से अब बाघ संरक्षण और आदिवासियों के निवास…

मध्य प्रदेश : लॉकडाउन में वन कर्मियों ने आदिवासियों के घर जलाए

भोपाल 2 जून 2020। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के सिवाल गांव के आदिवासी निवासियों कहना है कि वन अधिकारियों ने…

मोदी सरकार कॉरपोरेटस हित में पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्रकिया में बदलाव कर रही

सरकार तथा कम्पनियों की क्रूर चाल के विरोध में न्यायपूर्ण एवं लोकतांत्रिक संघर्ष को गोलबंद करने की जरुरत है। यह प्रस्तावित संशोधन इस जनपक्षीय अधिसूचना के लिए अंतिम कील साबित होने वाला है..... राज कुमार सिन्हा का विश्लेषण वर्तमान लाक डाउन में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एक बार फिर 12 मार्च 2020 को पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्रकिया 2006 में संशोधन…
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