संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

चुटका के आदिवासी आएँगे दिल्ली, उठाएंगे परमाणु प्लांट के खिलाफ आवाज़

पिछले महीने मध्य प्रदेश सरकार ने चुटका परमाणु प्लांट के व्यापक विरोध को दर किनार करते हुए पर्यावरणीय जन सुनवाई को बंदूक की नोक पर सफल करार दिया है । ज्ञात रहे कि व्यापक विरोध के कारण 24 मई, एवं 31 जुलाई, 2013 को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जबलपुर द्वारा आयोजित पर्यावरणीय सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी। इस बार शासन द्वारा भारी पुलिस बल के साये में जन-सुनवाई आयोजित करवाई गई। इस फर्जी जनसुनवाई के विरोध में स्थानीय समुदाय भोपाल व दिल्ली में अपना विरोध दर्ज करायेंगा। हम आपसे 03 मार्च, 2014 को भोपाल एवं 04 मार्च, 2014 को दिल्ली में जंतर मंतर पर परमाणु ऊर्जा के खिलाफ जन संसद में शरीक होने की अपील करते है।

03 मार्च, 2014 को भोपाल में चुटका परमाणु परियोजना की स्थापना के खिलाफ रैली तथा मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को ज्ञापन।
कार्यक्रम स्थल: यादगारे शाहजहानी पार्क, भोपाल, मध्य प्रदेश
04 मार्च, 2014 को दिल्ली में जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा के खिलाफ जन-संसद के बाद
राष्ट्रपति, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को ज्ञापन।
कार्यक्रम स्थल: जंतर-मंतर, नई दिल्ली

मध्य प्रदेश का मण्डला जिला संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत वर्गीकृत है, जहां पंचायत (अनु. क्षेत्रों के लिए विस्तार) कानून, पेसा प्रभावशील है। मण्डला जिले में नारायणगंज विकास खण्ड के तहत चुटका ग्राम में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु परियोजना प्रस्तावित की गई है। पांचवीं अनुसूची वाले ग्राम टाटीघाट, चुटका, कुण्डा, पाठा, पिण्डरई, सिंगोधा, झांझनगर एवं मानेगांव विकासखण्ड नारायणगंज, जिला मण्डला, म.प्र. की ग्रामसभा द्वारा परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया है। इसी प्रकार पिपरिया, पीपाटोला एवं धूमा विकासखण्ड घंसौर, जिला सिवनी, म.प्र. की ग्रामसभा द्वारा परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया है। मानिकसराय, लालपुर एवं सांगवा वि.ख. बीजाडांडी, जिला मण्डला, म.प्र. के पंचायत द्वारा परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया है।

इसी विरोध के कारण 24 मई, एवं 31 जुलाई, 2013 को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जबलपुर द्वारा आयोजित पर्यावरणीय सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी। तीसरी बार शासन द्वारा भारी पुलिस बल के साये में जन-सुनवाई 17 फरवरी, 2014 को आयोजित करवाई गई।

प्रस्तावित परियोजना से प्रभावित गांवों के आदिवासियों को पहले भी बरगी बांध परियोजना के लिए विस्थापित किया गया था। अब उन्हे दोबारा विस्थापित करने की योजना बन रही है। हमे ज्ञात हुआ है कि इन गावों की ग्राम-सभाओं ने इस परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर आपत्ती भी दर्ज कराई है, लेकिन इसे सरकार ने बिल्कुल अनसुना कर दिया है। यह पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 और अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वनवासी (वनाधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का उल्लंघन है।

इस एक पक्षीय हुई जन सुनवाई में पुलिस के आतंक व बल प्रयोग के चलते स्थानीय आदिवासी समुदाय को अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया गया और पुलिस द्वारा उन्हें बल प्रयोग करके जन सुनवाई स्थल से बाहर निकाल दिया गया जबकि वहां एकत्र हजारों की संख्या में स्थानीय आदिवासी अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। इस भारी संख्या को दर किनार करते हुए जन सुनवाई एक पक्षीय रूप से पूरी की गई। इस कार्यवाही के विरोध में स्थानीय समुदाय भोपाल व दिल्ली में अपना विरोध दर्ज करायेंगा। 03 मार्च, 2014 को भोपाल एवं 04 मार्च, 2014 को दिल्ली में जंतर मंतर पर परमाणु ऊर्जा के खिलाफ जन संसद में शरीक हों।

सम्पर्क – विजय: 09981773205; सत्यम: 09406538817

चुटका परमाणु विराधी संघर्ष समिति
ग्राम चुटका, वि.ख. नारायणगंज, जिला मण्डला,
म.प्र.

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