संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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पांचवीं अनुसूची

छत्तीसगढ़ : पेसा नियम 2022 में हुए छल के खिलाफ आदिवासी एकजुट, रायपुर में निकाली रैली

रायपुर। गांधी जयंती के अवसर में छत्तीसगढ़ के समस्त आदिवासी इलाके की ग्राम सभाओं का एक महासम्मेलन गोंडवाना भवन में आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न ग्राम सभाओं के 5000 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधि हिस्सा लिए। इस मौके पर सूबे के अलग-अलग हिस्सों से आए सिलगेर से रघु,कोयलीबेड़ा से सहदेव उसेंडी, दुर्गुकोंदल से जगत दुग्गा, अंतागढ़ से संत लाल दुग्गा, सिहावा…
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छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 : संवैधानिक प्रावधानों पर नासमझी या शातिराना छल !

-बिजय पांडा छत्तीसगढ़ पेसा नियम, 2022 पर चर्चा करने से पहले जरुरी है कि हम एक बार पेसा कानून के सैद्धांतिक…

झारखण्ड : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी संघर्ष के ऐतिहासिक सबक

सेना के गोला-बारूद की मारक क्षमता की जांच के लिए झारखंड के नेतरहाट में की जाने वाली चांदमारी करीब छह दशक बाद आखिर…

मध्य प्रदेश : पेसा नियमों को लेकर 26 साल बाद भी आदिवासियों के सामने असमंजस की स्थिति बरकरार

मध्य प्रदेश सरकार राज्य पेसा नियम बनाने को लेकर कितनी गंभीर है, इसका पता 27 अगस्त 2022 के दैनिक भास्कर में छपी खबर से चलता है कि “मध्य प्रदेश के गवर्नर गंगू भाई पटेल के जनजातीय सेल ने पेसा एक्ट (पंचायत एक्सटेंशन टो शेड्यूल्ड एरियाज) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। साथ ही इसे विभागों को भेजा, ताकि पेसा एक्ट के तहत बनने वाली ग्राम सभाओं के अधिकार तय हो…
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संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट और दमन को साझे संघर्ष ही दे पायेंगे चुनौती : भूमि अधिकार…

रायपुर 28 जून 2022, पेस्टोरल सेंटर में भूमि अधिकार आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के बैनर तले जल-जंगल-ज़मीन की…

पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के राज्यपालों को गृह मंत्रालय का दिशा-निर्देश

दिल्ली 26 मई 2022। पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना) में राज्यपालों द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों का समुचित पालन नहीं करने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल 2022 को राज्यपालों को एक दिशा निर्देश जारी किया गया है। पांचवीं अनुसूची के…
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