संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : महिलाओं के नाम रहा आज पूरा किसान आंदोलन

सयुंक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट

103 वां दिन, 8 मार्च 2021

सयुंक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ‘महिला किसान दिवस” के तौर पर मनाया गया। हज़ारों की संख्या में महिला किसानों ने दिल्ली बोर्डर्स पर पहुंचकर मोदी सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया और नारी शक्ति का प्रदर्शन किया।

कल से ही देश के अनेक हिस्सो से महिलाएं दिल्ली की तरफ आने लग गयी थी। हर तरह के वाहनों जैसे ट्रैक्टर, कार, जीप, टेम्पो, बस व रेलगाड़ियों से महिलाएं किसानी झंडे लहराती हुई केंद्र सरकार के तीन कॄषि कानूनो का विरोध करने दिल्ली के आसपास धरनों वाली जगह पहुंची।

आज किसान आंदोलन के सभी मंचो का संचालन महिलाओं द्वारा किया गया। मोर्चे के संभाल सम्बधी सभी प्रबंध महिलाओं द्वारा किये गए। इसके साथ ही मंच पर बोलने वाली सभी वक़्ता भी महिलाएं थी। गावों शहरों से आई छात्रा, नौजवान, बुजुर्ग महिलाओं से सयुंक्त किसान मोर्चा के मंचो से अपनी रखी।

टीकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में महिला किसानों ने शक्ति का प्रदर्शन किया। मुख्य मंच पर बोलते हुए महिला किसानों ने तीन खेती कानूनो को डेथ वारंट करार दिया। इस दौरान महिला किसानों ने मोदी सरकार को महिला विरोधी करार करते हुए कहा कि सिर्फ खेती सेक्टर मे महिलाओं की मांगो को दरकिनार किया गया है। पकोड़ा चौक पर महिलाओं की बड़ी कॉन्फेंस हुई जिसमें महिला किसानों सम्बधी सभी मुद्दों के बारे में विस्तारित चर्चा की गई। महिला किसानों के साथ साथ दिल्ली से प्रगतिशील महिला संगठनों की कार्यकर्ताओ ने बड़ी भागीदारी निभाई।

सिंघु मोर्चे पर महिलाओ ने मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हम दिनों दिन मजबूत हो रहे है। सरकार को यह लगता है कि समय के साथ आंदोलन कमजोर होगा पर किसानों का हौंसला दिनों दिन मजबूत हो रहा है। जब जब जरूरत होगी तब तब किसान अपनी ताकत दिखाते रहेंगे पर तीन खेती कानून वापस न होने तक किसान वापस नहीं जाएंगे। इस दौरान हरियाणा की महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। इसी तरह गाजीपुर बॉर्डर पर भी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली की महिलाओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर महिला प्रदर्शनकारियों के मुद्दों पर प्रकाश डाला।

– कविता कुरुगूंटी
सयुंक्त किसान मोर्चा

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