संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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तिर्थन घाटी

हिमाचल प्रदेश : दिले राम शबाब न होते तो कुल्लू की तीर्थन घाटी को निगल जाते हाइड्रो  प्रोजेक्ट

यह पुराना आलेख है जिसे एक लेखक समूह (डॉ निरंजन देव शर्मा, कुलराजीव पन्त, सुरेश सेन निशांत,अजेय, मुरारी शर्मा, आत्मा रंजन और दीपेन्द्र मांटा) ने कुछ बर्ष पहले लिखा था। आज शबाब जी हमारे बीच नहीं हैं परंतु उन के इन प्रयासों से आज तिर्थन घाटी प्रयटन केंद्र बना जिससे हजारों युवायों को रोजगार मिला। आज जो ब्यास नदी घाटी में बाढ़ आई इस में सबसे कम नुकसान…
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