संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

तेलंगाना : लॉकडाउन में राज्य सरकार के बालू खनन के फैसले के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

तेलंगाना के महबूबनगर में राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जब पूरा देश घरों में कैद था तब नहर से बालू खनन करने का फैसला किया है, किसानों को डर है कि इससे लगभग 300 बोरवेल सूख जाएंगे जिससे खेती प्रभावित होगी। एक्सप्रेस समाचार सेवा ने 6 मई 2020 को रिपोर्ट किया है कि बालू खनन के फैसले के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे है। पेश है एक्सप्रेस समाचार सेवा की रिपोर्ट जिसका हिंदी अनुवाद अंकुर जयस्वाल ने किया है;

6 मई, 2020। महबूबनगर में तेलंगाना सरकार द्वारा अपार्टमेन्ट निर्माण के लिए दुन्दुभि नहर से बालू खनन करने के फैसले के खिलाफ 5 मई 2020 को किसानों ने महबूबनगर में विरोध प्रदर्शन किया। इस क्षेत्र में कोई बारहमासी नदी या लिफ्ट सिंचाई परियोजना नहीं होने के कारण मिडजिल मंडल के बैरमपल्ली, जैद्रचेरला मंडल के अम्मापल्ली और नेक्कोंडा के किसान सिंचाई के लिए दुन्दुभि नहर और भूजल पर निर्भर हैं।

‘चेक डैम बनाने की मांग’

किसानों के मुताबिक, इलाके में अवैध बालू खनन का धंधा जोरों पर चल रहा था। अब, राज्य सरकार ने नहर से बालू का खनन करने का फैसला किया है, किसानों को डर है कि इससे लगभग 300 बोरवेल सूख जाएंगे जिससे खेती प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को तो सिंचाई के लिए चेक डैम का निर्माण करना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि खनन शुरू हुआ तो वे अपने गांवों को छोड़ देंगे।

बारिम्पल्ली गाँव के पूर्व मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (MPTC) के सदस्य, प्रसाद ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर बालू खनन को रोकेंगे, जबकि नेक्कोंडा गाँव के सरपंच श्यामलम्मा ने कहा कि सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि यह फैसला वापस नहीं ले लिया जाता है। जदचेरला के तहसीलदार लक्ष्मीनारायण ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “हम जिले के ग्रामीणों और किसानों को सुविधा देने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार के साथ मिलकर दुंदुभि नहर से बालू खनन करने की कोशिश कर रहे हैं।”

300 बोरवेल

यदि तेलंगाना सरकार ने दुंदुभि नहर से बालू खनन किया, तो सिंचाई के लिए 300 बोरवेलों के पानी के श्रोतों पर निर्भर किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में सूखा पड़ेगा।

इसको भी देख सकते है