संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

छत्तीसगढ़ : पेसा नियम 2022 में हुए छल के खिलाफ आदिवासी एकजुट, रायपुर में निकाली रैली

रायपुर। गांधी जयंती के अवसर में छत्तीसगढ़ के समस्त आदिवासी इलाके की ग्राम सभाओं का एक महासम्मेलन गोंडवाना भवन में आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न ग्राम सभाओं के 5000 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधि हिस्सा लिए। इस मौके पर सूबे के अलग-अलग हिस्सों से आए सिलगेर से रघु,कोयलीबेड़ा से सहदेव उसेंडी, दुर्गुकोंदल से जगत दुग्गा, अंतागढ़ से संत लाल दुग्गा, सिहावा…
और पढ़े...

छत्तीसगढ़ : सरकार ने फिर से शुरू कर दी हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई, कई…

छत्तीसगढ़। दशकों से चल रहे विरोध के बावजूद छत्तीसगढ़ में हसदेव के जंगलों की प्रशासन और कंपनी ने मंगलवार की सुबह से…

छत्तीसगढ़ : भले प्राण चले जाएं लेकिन जमीन नहीं देंगे बोधघाट परियोजना के लिए

दंतवाड़ा: जिले में एक बार फिर बोधघाट परियोजना को लेकर आस-पास के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. जिले की सीमा से…

छत्तीसगढ़ : कोयला खदानों में पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने पर एनजीटी ने लगाया जिंदल समूह पर 160 करोड़ का जुर्माना

रायपुर/नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दो कोयला खनन कंपनियों – जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) पर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की तमनार तहसील की गारे IV-2/3 कोयला खदानों में पर्यावरण और स्वास्थ्य उल्लंघन के लिए 160 करोड़ रुपए (1.6 बिलियन) का संयुक्त जुर्माना लगाया है। दुकालू राम व अन्‍य बनाम यूनियन ऑफ…
और पढ़े...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला : पर्यावरण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी ही कर सकेंगे जनसुवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पर्यावरण विद् रमेश अग्रवाल ने महाजेको की जनसुनवाई के बाबत याचिका पर बहुत महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने माना कि कलेक्टर और पर्यावरण अधिकारी जन सुनवाई की तिथि और स्थान तय नहीं कर सकते. पर्यावरण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी को खुद जनसुनवाई में उपस्थिति होना पडेगा। कलेक्टर को यह अधिकार नहीं है कि वह एसडीएम या किसी और अधिकारी को…
और पढ़े...

बैलाडीला अडानी खनन मामला : छत्तीसगढ़ सरकार को सशर्त 15 दिन का अल्टीमेटम के साथ…

दन्तेवाड़ा 13 जून 2019- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में देव पहाड़ी नंदराज को बचाने के लिए सरकार से संघर्ष कर रहे…

छत्तीसगढ़ : बस्तर में जमीन अधिग्रहण करने पहुंचे अफसरों को आदिवासियों ने पढ़ाया…

भारत के संविधान में ऐसी व्यवस्था है कि पांचवी अनुसूची वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले पारम्परिक ग्राम सभा की…

छत्तीसगढ़ : हिंडाल्को कंपनी ने आदिवासी किसान की निजी भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा किया

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर- न मुआवजा, न अनुमति हिंडाल्को कंपनी ने बॉक्सइड परिवाहन करने के लिए आदिवासी किसान की निजी भूमि को अवैध तरीके से खोद कर कब्जा जमा कर सड़क निर्माण किया जा रहा है। जब आदिवासी किसान ने इसका विरोध कर SDM से शिकायत किया तो हिंडाल्को कंपनी के नुमाइंदों ने 10 हजार रुपए लेकर चुप बैठने की बात कही। मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के…
और पढ़े...