संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

दिल्ली तक के लिए खतरा बनेगा गोरखपुर परमाणु सयंत्र

फुकुशिमा त्रासदी की सातवीं बरसी पर परमाणु विरोधी मोर्चा, हरियाणा ने फिर उठाई गोरखपुर परमाणु सयंत्र निर्माण रद्द करने की मांग-
फतेहाबाद: जापान के 2011 में आए भुंकप उपरांत फुकुशिमा परमाणु सयंत्र हादसे की बरसी पर परमाणु विरोधी मोर्चा संगठन पदाधिकारी स्थानीय लाल बत्ती चौक पर एकत्रित हुए। संगठन के प्रदेश संयोजक सुभाष पूनिया के नेतृत्व में पदाधिकारियों के अलावा क्षेत्र के अन्य कई सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने भी एक बार फिर क्षेत्र के गांव गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु संयंत्र के निर्माण कार्य को बंद करने की मांग उठाई। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि गोरखपुर परमाणु संयंत्र को लेकर उनका विरोध न कभी बंद हुआ, न तब तक बंद होगा, जब तक सरकार तानाशाही तरीके से यहां इस संयंत्र को लगाए जाने का अपना निर्णय वापस नहीं ले लेती। वक्ताओं में शिक्षाविद् विद्या रत्ति, संतराम नंबरदार, युवा समाजसेवी सुनील पूनीया, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राजेन्द्र शर्मा व राकेश कंबोज मुख्य रुप से शामिल रहे। विरोध जताने वालों में महिलाओं ने भी अग्रणी होकर अपना विरोध जताया।
वक्ताओं ने अपने संबोधन के दौरान जापान के फुकुशिमा में हुई भयावह दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब जापान जैसे उच्च तकनीक वाले देश भुंकप उपरांत हुए परमाणु संयंत्र हादसे को नियंत्रित नहीं कर सके तो ऐसे भारत के हरियाणा जैसे छोटे राज्य की सरकार भविष्य में ऐसे खतरे से निपटने के दावे कैसे कर सकती है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर चेताया कि यदि तमाम नियमों को ताक पर रखकर सरकार गोरखपुर में तानाशाही तरीके से संयंत्र लगा देती है तो भविष्य में गोरखपुर संयंत्र में होने वाला छोटा सा हादसा भी फतेहाबाद ही नहीं, दिल्ली तक के लिए बडा खतरा साबित होगा। जापान हादसे के 6 वर्ष बाद भी संयंत्र से होने वाले नुकसान भुगत रहा है। वहां आज भी अत्यधिक तापमान व जानलेवा विकिरण आमजन के लिए बडी समस्या पैदा कर रहा है। ऐसे में गोरखपुर संयंत्र से होने वाले ऐसे संभावित खतरों से अवगत होते हुए भी सरकार का यहां संयंत्र लगाए जाने पर अडिग रहना, दर्शाता है कि उसे न तो आमजन की जिन्दगी की कोई परवाह है और न ही संयंत्र के बाद किसानों के सामने गहराने वाले जल संकट की। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि प्लांट का विरोध किसी राजनीतिक कारण या किसी विकास विरोधी रवैये के तहत नहीं किया जा रहा, बल्कि भविष्य में फतेहाबाद और पूरे हरियाणा को एक बडे खतरे से बचाने मात्र के लिए है। वक्ताओं ने कहा कि गोरखपुर परियोजना में सबसे बडा खतरा इस प्लांट के लिए पानी की नाकाफी होना है। गोरखपुर संयंत्र के लिए पानी का प्रावधान भाखडा नहर से किया गया है जो इस इलाके के किसानों की प्राणधारा है। उन्होंने कहा कि ऐसे और भी कई तथ्य है जो इस संयंत्र को क्षेत्र के जनजीवन व किसानों के लिए सबसे बडा खतरा होने के पुख्ता प्रमाण देते हैं। इसलिए मोर्चा अपना आंदोलन हर तरह के विपरित हालात में भी आमजन सुरक्षा के लिए जारी रखेगा और यदि सरकार ने संयंत्र लगाने का निर्णय वापस नहीं लिया तो मोर्चा उसके खिलाफ सडकों पर उतरने और चुनावी बहिष्कार करने जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा। इस अवसर पर सुनील अहलीसदर, मदन, महिपाल, काला सिंह, संजय शहिदांवाली, पवन भट्टू, रामस्वरुप, मिंटू, सुखप्रित कौर, किरणपाल, संदीप कौर, सुरेश भट्टू सहित मोर्चा के कई अन्य पदाधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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