संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

तमिलनाडु भवन (नयी दिल्ली) के समक्ष प्रदर्शन

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के विरोध में तथा परियोजना के खिलाफ संघर्षरत लोगों के दमन-उत्पीड़न के विरोध में 22 मार्च 2012 को दोपहर में तमिलनाडु भवन के समक्ष एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करके तमिलनाडु के रेजीडेण्ट कमिश्नर को मांग पत्र सौंपा गया। जे.एन.यू. स्टूडेण्ट यूनियन की अध्यक्ष सुचेता के अगुवाई में एक प्रतिनिधि मण्डल ने यह मांग पत्र सौंपा।


प्रदर्शनकारी तमिलनाडु सरकार, केन्द्रीय सरकार एवं परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडु सरकार से यह मांग की है कि कुडनकुलम परियोजना को तमिलनाडु राज्य मंत्रिमंडल द्वारा दी गयी स्वीकृति वापस हो, परियेाजना विरोधी आंदोलनकारियों का दमन-उत्पीड़न बंद किया जाय, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को अविलम्ब रिहा किया जाय तथा उन पर देशद्रोह जैसे काले कानूनों के तहत दर्ज मुकदमे वापस लिए जायँ और कुडनकुलम सहित सभी परमाणु संयंत्र रद्द किये जायँ।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के आह्वान पर आइसा समेत कई अन्य छात्रसंगठनों के अलावा सी.एन.डी.पी., पी.यू.सी.एल., इंसाफ, हिमालय नीति अभियान एवं नदी घाटी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में शिरकत की। जे.एन.यू. छात्र संघ की अध्यक्ष सुचेता के साथ ही साथ अचिन वनायक, चितरंजन सिंह तथा सांसद थुरुमावलावन आदि ने तमिलनाडु भवन के गेट पर आयोजित विरोध सभा को संबोधित किया।

इस बीच 22 मार्च को महिला प्रेस क्लब, नयी दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये संयुक्त बयान पारी करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अमरजीत कौर, स्वतंत्र पत्रकार प्रफुल बिदवई, सी.एन.डी.पी. के अचिन वनायक, मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा है कि कुडनकुलम समेत सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्र रद्द किये जायँ, आंदोलनकारियों का दमन बंद हो, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को अविलंब रिहा किया जाय, उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जायँ, आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण प्रतिरोध के अधिकार से वंचित करना बंद किया जाय, आंदोलन स्थल पर लगायी गयी पुलिस को वापस लिया जाय, बिजली की आपूर्ति चालू की जाय तथा भोजन, पानी, दवा आदि आंदोलन स्थल पर ले जाने का प्रतिबंध खत्म किया जाय और लोगों के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध अविलम्ब हटाया जाय।
23 मार्च को संसद मार्ग पर एन.ए.पी.एम. द्वारा आयोजित विरोध सभा में भी कुडनकुलम परियोजना रद्द करने एवं आंदोलनकारियों का दमन रोकने की पुरजोर मांग की गयी।
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