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किसान आंदोलन
बुंदेलखंड : संकट में उम्मीद का सहारा
देश के सबसे केंद्र में स्थित बुंदेलखंड सूखा व ओलावृष्टि से लगातार प्रभावित हो रहा है। पिछले डेढ़ दशक से लगातार मौसम प्रतिकूलता की मार झेल रहा यह क्षेत्र अब उम्मीद कर रहा है कि नीति निर्धारक इस क्षेत्र का संकट दूर करने के लिए कुछ नए ढंग से सोचेंगे। जिस तरह जीवनबीमा, जीवन का पर्याय नहीं हो सकता ठीक उसी तरह कृषि बीमा भी कृषि का विकल्प…
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किसानों की न्यूनतम आय निर्धारित हो : डॉ सुनीलम
डॉ.सुनीलम ने कहा कि पिछले 68 बर्षो से किसानों के साथ सरकारों द्वारा जो भेदभाव किया जा रहा हैं, वह संविधान…
खेती बचाओ- संविधान-बचाओ-यात्रा का सिंगना में भव्य स्वागत
किसान संघर्ष समिति द्वारा 8 दिसम्बर को मुलताई से शुरू की गई खेती बचाओ संविधान बचाओ यात्रा 13 दिसम्बर 2015 को…
अकाल से वीरान होता बुुंदेलखंड
भारत के सबसे मध्य में स्थित बुंदेलखंड एक बार पुनः मौसम की मार से तबाह हो रहा है। पिछले 15 वर्षों में से तकरीबन 11 वर्ष सूखे, असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि या पाला गिरने से ग्रसित रहे हैं। बुंदेलखंड पलायन के अंतहीन भंवर में फंस गया है। शासन व प्रशासन की उदासीनता स्थानीय नागरिकों के जीवन को और अधिक संकट में डाल रही है। पेश है सप्रेस से साभार भारत डोगरा…
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किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करती मध्य प्रदेश सरकार की सहायता !
देश में सरकारे किसानों को सहायता के नाम पर जिस तरह से छल रही है उसका एक नमूना विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के…
जुल्म के खिलाफ़ एकजुट हों किसान – डॉ. सुनीलम
भूमि अधिग्रहण और राज्य दमन विरोधी सम्मलेन
27 अक्टूबर 2015, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
आज वाराणसी में आयोजित…
बताव ए साहेब किसान काहे मरता
भारतीय किसान आसमानी विपदा और सरकारी बेरुखी का एक साथ शिकार बन गया है। मौसम किसानों के लिए कहर बनकर बरपा है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार भूमि अधिकार कानून (संशोधन) विधेयक को पारित कराने और राज्य सरकारे कृषि साीलिंग कानून को छिन्न भिन्न करने में जुट गई है। चक्की के पाट में पिस रहे किसान को अब फाँसी का फंदा शायद अधिक आकर्षित कर रहा है। किसानों की…
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हल सत्याग्रह : राजनीति या विवशता
स्वराज अभियान ने किसानों को एकजुट करने का बीड़ा उठाकर अत्यन्त महत्वपूर्ण पहल की है। दिल्ली में एक ही हफ्ते के…
संसद किसान मार्च 10 अगस्त 2015
जरा सोचिये .......। चालीस सालों में गेहूं सात गुना बढ़ा, लेकिन सोना नब्बे गुना, साबुन अस्सी गुना, नमक चालीस गुना,…
प्रदेश में गहराए कृषि संकट पर आपातकाल घोषित करे अखिलेश सरकार : रिहाई मंच
किसानों को 50-100 रुपए के चेक देकर जले पर नमक छिड़क रही है प्रदेश सरकार
विकासपिता मोदी और धरतीपुत्र मुलायम किसानों को कारपोरेट की हित में ठकेल रहे हैं आत्महत्या की ओर
लखनऊ 13 अपै्रल 2015। प्रदेश में लगातार हो रही बेमौसम बारिश से फसलों की बर्बादी के बाद किसानों की आत्महत्या व उसके निपटने में सूबे की सरकार की नीतिगत व संस्थागत …
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