संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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बांध विरोधी आंदोलन

जल सत्याग्रह स्थगित, संघर्ष जारी !

हजारो की संख्या में नर्मदा घाटी के किसान आज घोघलगांव आए। दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेता संजय सिंह भी जल सत्याग्रह स्थल पहुंचे।सत्याग्रहियों की बिगड़ती हुए स्थिति देख कर नर्मदा घाटी के किसानों और संजय सिंह जी ने सत्याग्रह को स्थगित करने का आग्रह किया।सब ने सत्याग्रहियों को आश्वासन दिया कि सब लोग मिल कर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे।…
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जल सत्याग्रह का 32वां दिन : फिर दिखाईं अतिक्रमित जमीने

आज 12 मई को 32 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, लोगों के पैर गलने लगे , हालत ख़राब होने लगी, पैर लहुलुहान होने…

नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर के प्रभावित क्षेत्रो में पुनार्वास के दावे खोखले : जाँच…

बडवानी, मई 11, 2015, नर्मदा घाटी में सरदार सरोवर बाँध से विस्थापितों का पूर्ण पुनर्वास (जैसा सरकार ने…

जल सत्याग्रह का 27वां दिन : भोपाल में ओंकारेश्वर बाँध विस्थापितों का प्रदर्शन

आज 7 मई को 27 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, 26वें दिन भोपाल में सैकड़ो ओंकारेश्वर बाँध विस्थापितों द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया। बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन के बाद विस्थापितों द्वारा वापस किये गए मुआवजे के डिमांड ड्राफ्ट की माला मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भेजी गयी । प्रदर्शन में भोपाल के अनेक जन संगठनो और आम आदमी पार्टी के…
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जल सत्याग्रह का 24वां दिन : सत्याग्रहियों के पैरों की हालत गंभीर

आज 4 मई को 24 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, स्वास्थ्य बहुत ज्यादा ख़राब हो रहा है पर अपने हक के लिए लड़ने का उत्साह अभी भी है । निरंतर स्वस्थ ख़राब होने के बावजूद लोगो में लड़ने की शक्ति बढ़ती जा रही है । नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विज्ञप्ति; - घोगलगाँव में ओम्कारेश्वर डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 23 दिन बाद भी पुरे उत्साह से जारी रहा। आज…
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जल सत्याग्रह का 19वां दिन : सरकार-प्रशासन मदमस्त !

जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें ! मैं उन आवाजों का गुलाम नहीं जिन्हें रेत…

जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें !

मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में ओम्कारेश्वर बाँध विस्थापितों के जल सत्याग्रह के 19 दिन पुरे हो गए. सत्याग्रह कर रहे लोगों के शरीर में गलन शुरू हो गई है, मछलिया उनके शरीर पर हमला करने लगी हैं जल सत्याग्रह के जुझारू साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें; पानी –एक कहते हैं जब कुछ नहीं था पानी था. और जब नहीं बचेगा कुछ भी तब पानी रहेगा.…
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