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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन
हिमाचल प्रदेश के जनसंघर्ष: न्याय के लिए बढ़ते कदम
हिमाचल प्रदेश का भू-भाग अपनी पहचान एवं इतिहास के लिए एक राज्य के रूप में प्रशासनिक गठन की तारीख का मोहताज नहीं है. प्रकृति के वरदानों से लबरेज यह क्षेत्र मनुष्य एवं प्रकृति के रिश्तों की एक मिसाल तब तक बना रहा जब तक प्राकृतिक संपदा का दोहन मुनाफे के लिए करने वालों का पदार्पण यहाँ नहीं हुआ था.
हिमाचल प्रदेश के जनसंघर्ष: न्याय के लिए बढ़ते कदम…
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उड़ीसा के जनसंघर्ष: सबक और चुनौतियां
उड़ीसा के जनसंघर्ष: सबक और चुनौतियां - धीरेन्द्र प्रताप सिंह
राजनीतिक दलों ने पोस्को हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की
ओडिशा में राजनीतिक दलों ने परादीप के पास पास्को इस्पात संयंत्र स्थल पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत के लिए…
सरकार, माफिया, कंपनी और ठेकेदारों का गठजोड़: पोस्को विरोधी आंदोलनकारियों पर कातिलाना हमला: अभय साहु गिरफ़्तार
14 दिसंबर, 2011 को दोपहर के लगभग 1.30 बजे 500 से ज्यादा हथियारबंद गुंडे माफिया डान बापी के नेतृत्व में पारादीप इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कौंसिल के बैनर तले स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस की छत्रछाया में जबरदस्ती, शांतिपूर्वक चल रहे धरना स्थल में घुस गये। घातक हथियारों तथा बमों से लैश इन गुंडों ने धरने में शामिल पोस्को संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय…
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सर्वे टीम को वापस किया आदिवासी महिलाओं की एकजुटता ने
पश्चिम सिंहभूम (झारखण्ड) जिले के नोआमण्डी ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांव से सरकारी सर्वे टीम को गांव की आदिवासी…
भूमि अधिग्रहण, उदारीकरण-निजीकरण, मंहगाई-बेरोजगारी के खिलाफ कृषि एवं कृषि भूमि की…
साम्यवादी विचारधारा के जनक कार्ल मार्क्स के जीवन से जुड़ी तारीख 14 मार्च को संसद मार्ग पर भारी पुलिसबल की तैनाती…
खेत में काम कर रहे आंदोलनकारी किसान को पुलिस ने गोली मारी
ओडिसा के जगतसिंहपुर जिले के धिंकिया गांव में 2 मार्च को ओडिसा पुलिस खेत में काम कर रहे एक किसान के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर ले गयी। उमाकांत बिस्वाल नाम का यह किसान पोस्को विरोधी आन्दोलन से सक्रिय तौर पर जुड़ा हुआ था।
सीपीएचआरडी की ओर से महताब आलम, मनीषा सेठी, हर्ष डोभाल और कविता श्रीवास्तव की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया…
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12 गांवों की पंचायतों के किसानों ने जल, जंगल, जमीन तथा आजीविका बचाने के लिए कसी…
हिमाचल प्रदेश में एक तरफ जहां बड़े बांध, माइक्रो हाइड्रो पॉवर प्लांट के खिलाफ स्थानीय लोग संघर्षरत हैं तथा…
झारखंड के सारंडा जंगल में आदिवासियों पर पुलिसिया जुल्म: एक सच्ची तस्वीर
10 अक्टूबर, 2011 को झारखंड मानव अधिकार आन्दोलन द्वारा तैयार सारंडा का शाब्दिक अर्थ सात सौ छोटी पहाड़ियों वाला…
सारांडा जंगल का सच: दमन, हत्या और गिरफ्तारी
पिछड़े झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारांडा जंगल से 6 घंटे से ज्यादा की यात्रा करते हुए 30 वर्षीय मंगरी होनहंगा अपने 4 महीने के पुत्र डुला होनहंगा तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ निराशापूर्ण हालत में रांची इंसाफ पाने की उम्मीद करके आयी। मॉं और बेटा दोनों ही बीमार थे...
डुला ग्रेड-3 का कुपोषित रोगी था और मंगरी एनीमिया से पीड़ित…
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